टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) को वित्त वर्ष 2024-25 में TCS से ₹32,722 करोड़ का डिविडेंड मिलने वाला है। यह अब तक की डिविडेंड के रूप में मिलने वाली सबसे बड़ी राशि है जो किसी एक साल में कंपनी को मिली है। इस पैसे का इस्तेमाल टाटा ग्रुप अपने नए और उभरते बिजनेस जैसे सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और एविएशन सेक्टर में करेगा।
सेमीकंडक्टर और एविएशन में बड़े-बड़े निवेश
टाटा ग्रुप इस समय टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ा दांव खेल रहा है। ग्रुप धोलेरा में ₹91,000 करोड़ की लागत से सेमीकंडक्टर फैब प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जो दिसंबर 2026 तक पूरा हो सकता है। इसके अलावा, असम में ₹27,000 करोड़ के सेमीकंडक्टर ATMP प्लांट पर भी काम चल रहा है, जो मार्च 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है।
टाटा कैपिटल और प्रोजेक्ट्स में भी लगाया पैसा
मार्च 2025 में टाटा संस ने आईपीओ की तैयारी कर रही टाटा कैपिटल में ₹1,500 करोड़ और टाटा प्रोजेक्ट्स में ₹1,432 करोड़ का निवेश किया है। यानी ग्रुप अपने सभी जरूरी और स्ट्रैटेजिक बिजनेस में फंडिंग देने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है।
पिछले साल का डिविडेंड कर्ज चुकाने में आया काम
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा संस ने TCS से मिले डिविडेंड से अपना पूरा बैंक लोन चुका दिया था, जिससे कंपनी अब पूरी तरह कर्जमुक्त (debt-free) बन चुकी है। मार्च 2023 में जहां कंपनी पर ₹20,642 करोड़ का कर्ज था, वहीं मार्च 2024 तक वह ₹2,680 करोड़ की नकद बचत (negative debt) की स्थिति में आ गई।
ICRA और Crisil ने जताया भरोसा
रेटिंग एजेंसी ICRA के अनुसार, टाटा संस के पास मार्च 2024 तक ₹3,042 करोड़ की नकद रकम (cash surplus) थी। कंपनी के डिजिटल और एविएशन सेक्टर में निवेश जारी रहेंगे, लेकिन इसके बावजूद ICRA का मानना है कि टाटा संस की फाइनेंशियल स्थिति मजबूत बनी रहेगी, क्योंकि उसे TCS से लगातार अच्छा डिविडेंड और शेयर बायबैक का फायदा मिलता है।
Crisil ने भी कहा है कि टाटा संस ने अब तक Air India में बड़ी राशि का इक्विटी निवेश किया है, और इस वित्त वर्ष में एक और बड़ा निवेश हो सकता है। TCS ने वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में ही ₹24,931 करोड़ का अंतरिम डिविडेंड दे दिया है। इससे पहले टाटा संस को सबसे ज्यादा डिविडेंड वित्त वर्ष 2023 में ₹30,418 करोड़ मिला था। अब 2025 में यह रिकॉर्ड टूटने जा रहा है।