देश के पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) बाजार में चूंकि सुधार के संकेत दिखने लगे हैं, इसलिए ताइवान की पीसी निर्माता आसुस देश में अपना निवेश बढ़ाने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लगाए गए लैपटॉप आयात प्रतिबंधों से फर्म को कोई परिचालन चुनौती नहीं दिखी है।
दरअसल वह पिछले साल की तुलना में त्योहारी सीजन की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है। वह भारत में अपनी विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने पर भी विचार कर रही है।
आसुस के महाप्रबंधक (एशिया-प्रशांत, सिस्टम बिजनेस) पीटर चांग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘भारतीय बाजार में काफी संभावनाएं हैं। अभी यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हमारे लिए सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। पीसी की पहुंच के मामले में अन्य देशों के मुकाबले बढ़ने की काफी गुंजाइश है। हमारा मानना है कि हमें भारत में आगे भी निवेश करने की जरूरत होगी। यहां हमारा निवेश दो अंकों में (एक साल के भीतर) बढ़ेगा।’
भारतीय बाजार के संबंध में आसुस की यह उम्मीद ऐसे समय में सामने आई है, जब वैश्विक पीसी निर्माता सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए लैपटॉप आयात प्रतिबंधों से परेशान हैं।
3 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना में सरकार ने घोषणा की थी कि चीनी आयात पर अंकुश लगाने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप, टैबलेट और पीसी का आयात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाए। कड़े विरोध के बाद यह समय सीमा 1 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी। अब इसे अगले वित्त वर्ष तक बढ़ाने की चर्चा सामने आ रही है।
चांग ने कहा ‘हम इससे (प्रतिबंध से) निपटने में सक्षम हैं। हमारा आयात जारी रहा है। अब हम अगले चरण का हल करने पर काम कर रहे हैं कि हमें क्या करना चाहिए। शुरुआत में अनिश्चितता थी, लेकिन आखिरकार कोई वास्तविक असर नहीं पड़ा।
ताइपे स्थित मुख्यालय वाली यह कंपनी केंद्र सरकार की आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना 2.0 के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली कई अन्य कंपनियों में से एक है, जिसे स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पेश किया गया था। हालांकि कंपनी के प्रबंधन के अनुसार अपनी संपूर्ण आपूर्ति शृंखला को भारत में स्थानांतरित करना एक चुनौती होगी।
आसुस इंडिया के कंट्री हेड, अध्यक्ष और निदेशक (सिस्टम्स ग्रुप) एरिक ओ ने कहा कि अगले वित वर्ष से हम स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा (ईएमएस) साझेदार के साथ भी काम करेंगे। हम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यहां हमारे पास पहले से ही छोटे स्तर पर विनिर्माण क्षमताएं हैं, लेकिन हम विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं।
वर्तमान में कंपनी की नोएडा में एक छोटी विनिर्माण इकाई है, लेकिन वह चेन्नई में एक बड़ी इकाई स्थापित करने पर विचार कर रही है। आसुस का पूरा विनिर्माण परिचालन इस साल दिसंबर से इस नई फैक्टरी में होगा। आसुस को त्योहारी सीजन के दौरान पिछले साल की तुलना में बिक्री में पांच से प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। उसे अपनी बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ने की उम्मीद है।
आसुस इंडिया के कारोबार प्रमुख (उपभोक्ता और गेमिंग पीसी, सिस्टम्स बिजनेस ग्रुप) अर्नोल्ड सु ने कहा कि पिछले साल हमारी औसत बाजार हिस्सेदारी 13 से 14 प्रतिशत थी। इस साल अब तक औसत हिस्सेदारी 18 प्रतिश्ता है। इसलिए भले ही संपूर्ण पीसी शिपमेंट में कमी आई हो, लेकिन हमारी बाजार हिस्सेदारी में सार्थक वृद्धि हुई है।