आरपीजी समूह की टायर विनिर्माता सिएट को संपूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन (टीक्यूएम) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की मान्यता के लिए वर्ष 2023 के डेमिंग ग्रैंड पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसने यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली दुनिया की पहली टायर विनिर्माता बनकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सिएट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अर्णव बनर्जी ने सोहिनी दास के साथ साक्षात्कार में कंपनी के लिए टीक्यूएम के महत्व के बारे में बात की। संपादित अंश:
विभिन्न कंपनियां और ब्रांड अलग-अलग गुणवत्ता मानकों का पालन करते हैं। हमारा मानना है कि डेमिंग ग्रैंड पुरस्कार हमारे गुणवत्ता उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है और हम वर्ष 2009 से इस लक्ष्य के लिए समर्पित हैं।
यह केवल मान्यता या प्रमाणन नहीं है, बल्कि यह काम करने के हमारे अनूठे दृष्टिकोण की मान्यता है। हमें वर्ष 2017 में डेमिंग पुरस्कार मिला और छह साल के अथक प्रयास के बाद हमने डेमिंग ग्रैंड पुरस्कार हासिल किया है। इतने सारे लोगों को इस साझा लक्ष्य से जोड़ना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। हमसे पहले दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों की केवल 32 कंपनियों को ही यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।
वर्ष 2017 में हमारा डिजिटल हस्तक्षेप सीमित था। हालांकि इसके बाद से हमारे हलोल, नागपुर और चेन्नई के कारखाने ‘इंडस्ट्री 4.0’ से सक्षम बन गए हैं। इसके अलावा हमारी हलोल इकाई को विश्व आर्थिक मंच से लाइटहाउस प्रमाणन मिला चुका है। हमने बिक्री के क्षेत्र में डिजिटल हस्तक्षेप की शुरुआत की है, जिसमें चैनल और ग्राहक संपर्क शामिल हैं। रोबोटिक स्वचालन को हमारे संगठन के भीतर गैर-मूल्य-संवर्धित क्षेत्रों में एकीकृत किया गया है।
टीक्यूएम का विस्तार गुणवत्ता से भी परे है, इसमें सुरक्षा, समय पर डिलिवरी, लागत दक्षता और कर्मचारियों का मनोबल शामिल है। टीक्यूएम का मूल सिद्धांत यह है कि गुणवत्ता में तब तक सुधार नहीं हो सकता, जब तक कि इन सभी कारकों में समानांतर रूप से सुधार नहीं होता।
जब टायर विनिर्माण की बात आती है, तो सही विवरण और टायर चयन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि अधिक रफ्तार पर गलत टायरों का उपयोग करने से घातक परिणाम हो सकते हैं।