दिल्ली उच्च न्यायालय ने कम किराए वाली एयरलाइन स्पाइसजेट (SpiceJet) को उसके पूर्व प्रमोटर, सन ग्रुप (Sun Group) के कलानिधि मारन को ₹380 करोड़ का भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर संपत्ति का एक हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा है।
यह फैसला एयरलाइन के लिए एक झटका है। उन्होंने दिसंबर तिमाही में आय में चार गुना वृद्धि (₹106.8 करोड़) के साथ सबको चौंका दिया था। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एयरलाइन भुगतान के संबंध में विमान पट्टेदारों के साथ विवाद का सामना कर रही है।
29 मई, 2023 को हाईकोर्ट ने मारन परिवार, अजय सिंह (स्पाइसजेट के वर्तमान प्रमोटर) और खुद स्पाइसजेट के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद में फैसला सुनाया। विवाद कॉन्ट्रैक्चुअल दायित्वों के आसपास घूमता है। 2017 में, मारन ने स्पाइसजेट पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया कि एयरलाइन ने उन्हें और उनकी कंपनी केएएल एयरवेज को कन्वर्टिबल वारंट और प्रिफरेंस शेयर नहीं देकर वित्तीय नुकसान पहुंचाया।
लंबी अदालती लड़ाई के बाद स्पाइसजेट ने मारन को ₹579.08 करोड़ की मूल राशि का भुगतान कर दिया, लेकिन ब्याज नहीं दी थी। अक्टूबर 2020 में ब्याज ₹242 करोड़ था, फरवरी 2023 तक ₹362 करोड़ हो गया और अंत में ₹380 करोड़ तक पहुंच गया।
खबर लिखे जाने तक स्पाइसजेट के शेयर 3.95% ऊपर ₹26.85 पर कारोबार कर रहे थे।