एफएमसीजी उद्योग में बढ़ते मुकाबले का असर अब कंपनियों की अनुसंधान और विकास टीम तक ही सीमित नहीं रह गया है।
जल्द ही यह असर बाजार में स्टोरों पर भी दिखाई देगा। डाबर ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। कंपनी ने हाल ही एस्ट्रा (एडवांस्ड सेल्स ट्रेनिंग फॉर रिटेल एक्सेडेंस) के तहत देश भर में डाबर के उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को प्रशिक्षण देने के लिए 75 बिक्री और मानव संसाधन प्रबंधक रखे हैं।
ये ऑडियो और वीडियो माध्यम से देश भर में डाबर के लगभग 2,000 स्टोरों में कार्यरत लोगों को बिक्री और वितरण की बारीकियां सिखाएंगे। इस प्रोग्राम के बाद डाबर अपने उत्पादों की बिक्री में लगभग 15 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है। इसके साथ ही कंपनी माडर्न ट्रेड और होटलों के जरिये भी अपने उत्पादों की बिक्री में लगभग 40 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है। डाबर के देश भर में 25 लाख रिटेल आउटलेट हैं। कंपनी की 75 फीसदी आय ग्रामीण इलाकों से आती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने एस्ट्रा को पांच स्थानीय भाषाओं में उतारा है।
उत्पादों के दाम बढ़ने से ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को और ज्यादा रुपये खर्चने पडेंगे। डाबर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) ए सुधाकर ने कहा, ‘हमारे पास लगभग 2,000 गोदाम हैं, इसमें से लगभग 750 गोदामों में हेल्थकेयर उत्पादों के लिए ही हैं। अपने उत्पादों के सही वितरण के लिए हमें अपने नेटवर्क को बेहतर बनाना होगा इसीलिए हमने एस्ट्रा बनाया है।’ रिटेल कारोबार के बदलते भूगोल के कारण एफएमसीजी कंपनियों को भी अपने बिक्री और वितरण नेटवर्क में बदलाव करना पड़ रहा है।
डाबर के अलावा हिंदुस्तान यूनीलीवर ने भी अपनी वितरण नीति में बदलाव किये हैं। आमतौर पर एफएमसीजी कंपनियां दो श्रेणियों में उत्पादों का वितरण करती हैं। इनमें से एक होती है किराना स्टोरों पर जिसे आम वितरण कहते हैं। इसके अलावा कंपनियां बड़े रिटेल स्टोरों के जरिये भी उत्पादों का वितरण करती हैं, इसे मॉडर्न ट्रेडिंग कहते हैं। एस्ट्रा के तहत कंपनी ने अपने बिक्री और वितरण नेटवर्क को किराना स्टोर, केमिस्ट, थोक विक्रेता, छोटे स्टोर और मॉडर्न ट्रेड जैसी श्रेणियों में बांटा है।
कंपनी का यह कार्यक्रम प्रमोशनों की जानकारी और उत्पादों से संबंधित जानकारियां देकर इन सभी वितरण नेटवर्कों की जरूरतों का ध्यान रखेगा। कंपनी यह टे्रनिंग सिर्फ डाबर के रिटेल स्टोरों पर काम कर रहे कर्मचारियों के साथ ही वितरकों और स्टॉकिस्ट के स्टोर पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी दे रहा है। सुधाकर ने बताया, ‘इस कार्यक्रम के जरिये स्टॉकिस्टों को इस काम में और ज्यादा जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है।’
एस्ट्रा वर्ष 2006 में शुरू किये गये कंपनी के डेयर ड्राइविंग कार्यक्रम से भी काफी आगे है। इस कार्यक्रम के जरिये कंपनी ने डाबर के उत्पादों को मॉडर्न रिटेल में स्थापित करने के लिए किया था। डाबर ने मई में इस कार्यक्रम की शुरुआत भी कर दी है। इसके अलावा कंपनी हर 6 महीनों में रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करेगी।