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युवाओं में बढ़ रहा महंगी कारों का खुमार; प्रोफेशनल्स और स्टार्टअप फाउंडर्स लग्जरी गाड़ियों के बड़े खरीदार

मर्सिडीज बेंज इंडिया के MD एवं CEO संतोष अय्यर ने कहा, 'बॉलीवुड से लेकर स्टार्टअप इंडस्ट्री तक में काम करने वाले कई लोगों ने पहली कार खरीदी तो सुपर लग्जरी कार खरीदी।'

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सोहिनी दास   
Last Updated- October 24, 2023 | 10:47 PM IST

देश में कम उम्र के लोगों में महंगी कारों का शौक तेजी से बढ़ रहा है। इन लोगों की उम्र महज 30-35 साल है और वे महंगी कारों का लुत्फ उठाने में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। पहले धनाढ्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोग ही महंगी कारों की सवारी किया करते थे मगर अब इनके खरीदारों में बड़ी तादाद में युवा पेशेवर हैं।

बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह ने कहा कि पिछले एक दशक में महंगी कारों का शौक रखने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘पुराने अमीर परिवारों के अलावा भारत में एक नए वर्ग का उदय हुआ है, जो आजाद नजरिया रखता है और घूमने-फिरने का शौकीन होने के साथ ही महंगे उत्पादों के इस्तेमाल की चाह भी रखता है।’ युवा उद्यमी कार बाजार में महंगी कारों की मांग को एक नए मुकाम तक पहुंचा रहे हैं। इनकी खर्च करने योग्य आय पहले से काफी बढ़ी है, जिसका इस्तेमाल वे महंगे उत्पाद एवं सेवाओं पर कर रहे हैं।

पावाह ने कहा कि कोविड महामारी के बाद लोगों में खुलकर जीवन जीने की चाह काफी बढ़ गई है और वे हरेक लम्हे का लुत्फ उठाना चाहते हैं। इसके अलावा महामारी के बाद निजी वाहनों के इस्तेमाल की तरफ भी लोगों की झुकाव पहले की तुलना में काफी बढ़ा है। बीएमडब्ल्यू (लग्जरी क्लास में) खरीदारों में लगभग 59 प्रतिशत लोगों की उम्र 31 से 45 साल के बीच है। लगभग 35 प्रतिशत खरीदारों के पास तो पहले से ही कंपनी का कोई न कोई मॉडल मौजूद है। प्रीमियम या महंगी श्रेणी में 62 प्रतिशत खरीदारों की उम्र 31 से 45 साल के बीच होती है और लगभग 80 प्रतिशत ग्राहक थोड़ी निचली श्रेणी से महंगी श्रेणी की कारें खरीद रहे हैं।

मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संतोष अय्यर ने कहा कि मर्सिडीज खरीदने वालों की औसत उम्र 42 साल से कम होकर लगभग 38 साल रह गई है। इनमें तो कई लोगों की उम्र तो 30 साल के करीब ही है। अय्यर ने कहा, ‘बॉलीवुड से लेकर स्टार्टअप उद्योग तक में काम करने वाले कई लोगों ने पहली कार खरीदी तो सुपर लग्जरी कार खरीदी। ये सभी लोग दूसरी पीढ़ी के खरीदार हैं, जिनकी उम्र महज 30 साल या इससे कुछ अधिक है।’

मर्सिडीज के ग्राहकों में महिला खरीदारों की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है, जबकि वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या लगभग 15-20 प्रतिशत है। वेतनभोगी ग्राहकों की संख्या बढ़ती जा रही है। अय्यर ने कहा कि पहले कंपनी जगत से ताल्लुक रखने वाले 8-9 प्रतिशत लोग महंगी कारें खरीदते थे मगर इनकी संख्या अब बढ़कर 14-15 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

दूसरे ब्रांडों का भी कुछ ऐसा ही अनुभव है। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा, ‘भारत में महंगी कारों की मांग धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है। अब अधिक संख्या में युवा खासकर स्टार्टअप इकाइयों के मालिक एवं युवा पेशेवर कम उम्र में इन कारों की सवारी करना चाहते हैं। इन लोगों के पास अपना यह शौक पूरा करने के लिए इच्छा एवं साधन दोनों ही मौजूद हैं।’

ढिल्लों ने कहा कि पिछले दो से तीन साल में दूसरी एवं तीसरी पीढ़ियों के ग्राहकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद तो लोग जीवन के हरेक क्षण का आनंद लेने में विश्वास करने लगे हैं। इन सभी कारणों से वेतनभोगी लोगों में महंगी कारें खरीदने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है।

First Published : October 24, 2023 | 8:05 PM IST