महंगाई और मंदी के बीच रेपो रेट और सीआरआर बढ़ाने के रिजर्व बैंक के कदम से उपभोक्ता उपकरण बनाने वाली कंपनियों के भी होश फाख्ता हो गए हैं।
ऊंची लागत और कम बिक्री से परेशान 3,200 करोड़ रुपये के कंज्यूमर डयूरेबल्स बाजार को इस कदम से और झटका लगने की आशंका है और कंपनियां अब त्योहारों के सीजन से ही उम्मीद लगा रही हैं। कंपनियों के मुताबिक फाइनैंस महंगा होने और आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने की वजह से उन्हें ग्राहकों के बड़े टोटे का सामना करना पड़ सकता है।
नामी कंज्यूमर डयूरेबल्स कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक (सेल्स एवं मार्केटिंग) वी रामचंद्रन ने कहा, ‘इससे बाजार पर पूरा असर पड़ेगा। आम आदमी ईएमआई बढ़ने से खर्च पर लगाम कसेगा। फाइनैंस पर टीवी, फ्रिज खरीदना अब महंगा हो जाएगा, इसलिए निचले या मध्यम तबके के ग्राहक हमसे मुंह मोड़ सकते हैं। हमारी बिक्री में 20 फीसद हिस्सेदारी फाइनैंस की है, जिसे तगड़ा झटका लगेगा।’
लेकिन रामचंद्रन ने रक्षाबंधन से शुरू होकर साल के अंत तक चलने वाले फेस्टिव सीजन से उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, ‘ तमाम वजहों से साल की पहली छमाही में बिक्री अच्छी नहीं रही। लेकिन त्योहारों का मौसम हमारे नुकसान की भरपाई कर सकता है।’ कंज्यूमर डयूरेबल्स बाजार की एक और दिग्गज कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स को भी बिक्री में गिरावट का अंदेशा है। कंपनी की महाप्रबंधक (स्ट्रैटजी एवं प्लानिंग) रुचिका बत्रा ने कहा, ‘हमारा बाजार तो पहले ही परेशान था, जिस पर रिजर्व बैंक ने नई चोट दे दी।
पहली नजर में तो फाइनैंस वाले वर्ग में ही बिक्री कम होने का अंदेशा है और सैमसंग की बिक्री में फाइनैंस की महज 15 फीसद हिस्सेदारी है। लेकिन कई और संभावित ग्राहक भी पीछे हट सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सैमसंग ने पिछले काफी समय से दाम नहीं बढ़ाए हैं। इस बार भी कंपनी ग्राहकों को सहारा देगी। हम जीरो ब्याज पर फाइनैंस मुहैया करा रहे हैं, जिससे ग्राहकों को सहूलियत होगी। इसके बाद त्योहारों के सीजन में नए उत्पाद आने से हमारा कारोबार सुधर जाएगा।’
उपभोक्ता उपकरण और कई दूसरे कारोबारों से जुड़े वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वी एन धूत ने भी स्वीकार किया कि कंज्यूमर डयूरेबल्स बाजार पर इस फेरबदल का असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘असर तो निश्चित तौर पर पड़ेगा। लेकिन अभी इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।’ गोदरेज अप्लायंसेज के उपाध्यक्ष (सेल्स एवं मार्केटिंग) कमल नंदी को लगता है कि रेपो रेट और सीआरआर में इजाफे का उनकी बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन उन्हें भी फेस्टिव सीजन का इंतजार है। उन्होंने कहा, ‘बाजार तो हर हाल में परेशान होगा, लेकिन गोदरेज पर इसका कम असर पड़ेगा।
हमारे उत्पादों में आम तौर फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण हैं, जो जरूरत की वस्तु हैं और उनकी खरीदारी जारी रहेगी। असली असर लक्जरी उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर पड़ेगा और उनका मार्जिन जरूर कम होगा। लेकिन जैसे ही त्योहारों का सीजन शुरू होता है, हमारी बिक्री सही राह पर आ जाएगी।’
कर्ज महंगा होने से मंद पड़ सकती है बिक्री
3,200 करोड़ रुपये के बाजार के लिए पहली छमाही रही सूनी
कंपनियों को त्योहारों में बिक्री के आंकड़े पटरी पर आने की उम्मीद