देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने मंगलवार को कहा कि कंपनी प्रबंधन को व्यक्तिगत रूप से स्वयं पर होने वाले खर्चों को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने कामकाज में मितव्ययिता के साथ आंतरिक संसाधन के निर्माण की जरूरत को रेखांकित किया है। कंपनी की सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए भार्गव ने हाल के शेयरधारकों के कदम को पूरे उद्योग के लिए एक अच्छी चीज करार दिया। इसके तहत शेयरधारकों ने बिना स्पष्ट विवरण के प्रबंधन को खुद पर किए जाने वाले खर्च को लेकर मंजूरी नहीं दी।
उन्होंने कहा कि महामारी के मद्देनजर उद्योग और कंपनियों के लिए आंतरिक संसाधन तैयार करना महत्वपूर्ण बन गया है। इसके लिए कंपनियों को कामकाज में और मितव्ययिता लाने की जरूरत है। भार्गव ने कहा, मुझे लगता है कि प्रबंधन को व्यक्तिगत रूप से अपने ऊपर विभिन्न प्रकार के खर्चों में कमी लाने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि हाल में शेयरधारकों का कदम, विचार और मतदान यह सुझाव देता है। यह पूरे उद्योग के लिए अच्छा है। उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में आयशर मोटर्स लि. के सिद्धार्थ लाल को पारितोषिक बढ़ाए जाने के साथ फिर से प्रबंध निदेशक नियुक्त करने के लिए लाए गए विशेष प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। कुल शेयरधारकों में से 73 फीसदी ने पक्ष में जबकि करीब 27 फीसदी ने खिलाफ में मतदान किए। विशेष प्रस्ताव पारित होने के चलते इस पर 75 फीसदी शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होती है।
कंपनी के निदेशक मंडल ने सोमवार को वेतन पैकेज में बदलाव के साथ दोबारा से प्रबंध निदेशक पद पर एक मई, 2021 से लाल की नियुक्ति को लेकर शेयरधारकों से मंजूरी लेने का फैसला किया। महामारी से मिली सीख का जिक्र करते हुए, भार्गव ने कहा कि जिन कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत थी, जो आंतरिक संसाधन पैदा कर रही थीं और उसे बनाए रख रही थी, वे कोविड-19 संकट से निपटने में बेहतर रूप से सक्षम रहीं। उन्होंने कहा, ये कंपनियां अपने कर्मचारियों की बेहतर तरीके से परवाह करने और यथाशीघ्र उत्पादन शुरू करने में सक्षम रहीं। उन्होंने कहा कि कंपनियों को महामारी के कारण जिस प्रकार के संकट का सामना करना पड़ा, उससे निपटने के लिए मजबूत होने की आवश्यकता है।
भार्गव ने एक बार फिर कार उद्योग पर ऊंचे कराधान का मुद्दा उठाते हुए इस पर गौर किए जाने का सरकार से आग्रह किया। उन्होंने कहा, मैं इस मामले में पूरी तरह स्पष्ट हूं कि अगर भारत में मजबूत औद्योगिक आधार बनाया जाना है तो वाहन उद्योग और कार उद्योग को दहाई अंक में वृद्धि हासिल करनी होगी लेकिन मौजूदा परिस्थितियां इसके लिए अनुकूल नहीं लगतीं हैं कि हम इसे हासिल कर सकें।