facebookmetapixel
Stock Market Today: गिफ्ट निफ्टी में तेजी, एशियाई बाजार हरे निशान पर; जापान पीएम इशिबा ने दिया इस्तीफाStocks To Watch Today: अदाणी पावर-भूटान डील, टाटा-महिंद्रा कारें हुईं सस्ती; जानें आज किन स्टॉक्स पर ध्यान देंसीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारत

वाणिज्यिक वाहन फर्मों को होगा 6,000 करोड़ रुपये का घाटा

Last Updated- December 15, 2022 | 3:10 AM IST

बिक्री में लगातार हो रही गिरावट के कारण देश के वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं को करीब 6,000 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक, बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट से इस वित्त वर्ष में वाणिज्यक वाहन निर्माताओं का शुद्ध घाटा करीब छह गुना बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, डीलरों और आपूर्ति करने वालों को सहारा देने के कारण कार्यशील पूंजी में इजाफे से अच्छा खासा नकदी प्रवाह नकारात्मक हो सकता है और इस वजह से कर्ज में बढ़ोतरी हो सकती है।
वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री को ओवरलोडिंग के नए नियमों और सुस्त होती अर्थव्यवस्था से झटका लगा, जब कोविड-19 महामारी का आगाज हुआ, जिसके कारण वित्त वर्ष 2020 में बिक्री 29 फीसदी तक फिसल गई। महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिक्री और 85 फीसदी ढह गई।
औद्योगिक गतिविधियों में नरमी से मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पर काफी असर पड़ा है, जो उद्योग के राजस्व में दो तिहाई का योगदान करता है। हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री बेहतर रह सकती है क्योंंकि उसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और निजी उपभोग से
सहारा मिलेगा।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक मनीष गुप्ता ने कहा, लगातार दो वर्षों में बहुत ज्यादा गिरावट के कारण वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच सकती है। इस्तेमाल का स्तर एक तिहाई रह जाने, भारी-भरकम फिक्स्ड लागत से वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं के लाभ पर चोट पहुंचेगी। इसके अतिरिक्त विनिर्माता बीएस-6 के उन्नयन की लागत के एक हिस्से का भार खुद उठा सकते हैं ताकि मांग में तेजी आए। इससे इस सेगमेंट का परिचालन मार्जिन शून्य के करीब आ जाएगा, जो पहले ही वित्त वर्ष 2020 में 6 फीसदी के निचले स्तर पर है। साथ ही उनका नुकसान बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा, इसके अलावा प्रमुख हितधारकों को सहारा देने को प्रेरित होंगे ताकि वैल्यू चेन में दबाव कम हो। इसके लिए डीलरों को भुगतान की शर्तों में नरमी और वाहन कलपुर्जा आपूर्ति करने वालों को समय पर भुगतान शामिल है। इससे अस्थायी तौर पर कार्यशील पूंजी की दरकार बढ़ जाएगी औरउदद्योग का कर्ज एक तिहाई बढ़कर इस वित्त वर्ष में 40,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।

First Published - August 20, 2020 | 11:48 PM IST

संबंधित पोस्ट