facebookmetapixel
Diwali Stocks 2025: मोतीलाल ओसवाल ने चुने 10 दमदार शेयर, निवेशकों को मिल सकता है 38% तक रिटर्नInfosys Q2FY26 Result: मुनाफा 13% बढ़कर ₹7,364 करोड़ पर पहुंचा, ₹23 के डिविडेंड का किया ऐलानWipro Q2 Results: IT दिग्गज को दूसरी तिमाही में ₹3,246 करोड़ का मुनाफा, ऑपरेशनल रेवेन्यू भी 2% उछलाभारतीय रेलवे के यात्री ध्यान दें! जनवरी से कंफर्म टिकट की बदल पाएंगे तारीख, नहीं लगेगा कोई एक्सट्रा चार्जSpending trends: 2025 में भारतीय किस पर कर रहे हैं सबसे ज्यादा खर्च, डेलॉइट ने जारी की रिपोर्टEPFO ने किया साफ: नौकरी छोड़ने के बाद तुरंत मिलेगा 75% PF, एक साल बेरोजगारी पर पूरा पैसा निकलेगाक्यों रुका Silver ETF FoFs में निवेश? एक्सपर्ट्स ने बताया – निवेशक आगे कैसे बनाएं स्ट्रैटेजीEternal Q2FY26 Result: जोमैटो की पैरेट कंपनी का मुनाफा 63% घटकर ₹65 करोड़ पर आया, शेयर 4% टूटाStock Market: 3 बड़ी वजहों से बाजार में जबरदस्त उछाल, सेंसेक्स 900 अंक चढ़ा और निफ्टी 25,600 के पारREITs को बूस्ट देगा रियल एस्टेट सेक्टर, 2030 तक मार्केट ₹60,000-80,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान

वस्त्र विनिर्माताओं की सरकार से मांग, सभी मूल्य वर्गों वाले परिधान हो 5% GST स्लैब में

वर्तमान में 1,000 रुपये से कम कीमत वाले परिधान 5%, और इससे अधिक कीमत वाले 12% GST स्लैब में आते हैं।

Last Updated- August 26, 2025 | 10:00 PM IST
textile

वस्त्र विनिर्माताओं ने सरकार से सभी मूल्य वर्गों वाले सभी परिधानों को 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाने की मांग की है। वर्तमान में 1,000 रुपये से कम कीमत वाले परिधान 5 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब के तहत आते हैं तथा 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाले परिधान 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब के तहत आते हैं।

क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) ने अपने नोट में कहा कि अगर कुछ हिस्से 18 प्रतिशत वाले जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आते हैं, तो यह उद्योग के लिए विनाशकारी होगा। नोट में यह भी कहा गया है कि अगर परिधान उद्योग के लिए जीएसटी स्लैब अधिक रहता है, तो यह बात विनिर्माताओं को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और कीमतें कम करने के लिए उकसाएगी जिससे वे कम कर वाले स्लैब में आ सकें।

दोनों स्लैब के बीच का अंतर फिलहाल 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत है। यह अंतर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हो जाएगा। इससे बिल कम करके दिखाने, हानिकारक कार्यप्रणाली और ग्रे मार्केट को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि विनिर्माता इतनी अधिक दर पर जीएसटी चुकाने के बजाय वहां का रुख करना पसंद कर सकते हैं।

सीएमएआई के चीफ मेंटर राहुल मेहता ने प्रस्तावित जीएसटी सुधारों के संबंध में कहा, ‘प्रस्तावित जीएसटी सुधार परिधान उद्योग के लिए तभी फायदेमंद होंगे, जब वस्त्र की पूरी मूल्य श्रृंखला को 5 प्रतिशत की स्लैब के अंतर्गत लाया जाए, जिसकी मांग परिधान उद्योग जीएसटी लागू होने के दिन से ही कर रहा है। इससे कपड़े सस्ते होंगे और उल्टे शुल्क ढांचे की समस्या भी खत्म होगी। इसलिए मैं सरकार से वस्त्रों की पूरी मूल्य श्रृंखला को 5 प्रतिशत की स्लैब के अंतर्गत लाने की सिफारिश और आग्रह कर रहा हूं।

 

First Published - August 26, 2025 | 9:56 PM IST

संबंधित पोस्ट