अमेरिका की निजी इक्विटी कंपनी क्लियर ट्रेड भारत में अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं (यूएमपीपी) हासिल करने के लिए एक कंसोर्टियम तैयार करने के लिए चीन की प्रमुख विद्युत निर्माता कंपनी के साथ बातचीत कर रही है।
क्लियर ट्रेड भारत में विद्युत और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश के लिए प्रमुख अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्मों के साथ मिलकर 480 अरब रुपये का फंड तैयार कर रही है।
क्लियर ट्रेड के प्रबंध निदेशक दीपक कावड़िया ने कहा, ‘यूएमपीपी हासिल करने के लिए एक तकनीकी समूह गठित को लेकर हम एक प्रमुख चीनी कंपनी के साथ बातचीत कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि कुछ ही सप्ताह के अंदर इस पर निर्णायक फैसला ले लिया जाएगा।’
केंद्र सरकार देश में तकरीबन 4000 मेगावाट की क्षमता वाली 9 मेगा विद्युत परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रही है। प्रत्येक परियोजना 2012 तक 78,000 मेगावाट की अतिरिक्त विद्युत क्षमता से लैस होगी। सासन और कृष्णापटिनम यूएमपीपी रिलायंस पावर और मूंदड़ा टाटा पावर को सौंपी गई हैं।
हैदराबाद की लैंको इन्फ्राटेक के एक समूह और सिंगापुर की ग्लोबलेक ने सासन के लिए ठेका हासिल किया था, लेकिन बाद में वह इसे रिलायंस पावर को सौंपने में विफल रहा। सिंगापुर की सेम्बकॉर्प और इंडियाबुल्स के बीच संयुक्त उपक्रम झारखंड के तिलैया में 4000 मेगावाट क्षमता वाली यूएमपीपी के लिए दौड़ में शामिल है।
दीपक कावड़िया ने बताया कि क्लियर ट्रेड जल्द ही 600 करोड़ रुपये की लागत वाली एक हजार मेगावाट क्षमता की दो विद्युत परियोजनाओं और दो अन्य पवन ऊर्जा और एक बायोमास विद्युत परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये के निवेश पर निर्णायक फैसला लेगी।
अमेरिकी कंपनी कॉरनेल कैपिटल, एक्सिस बैंक द्वारा प्रवर्तित एक्सिस प्राइवेट इक्विटी, मॉर्गन स्टेनले और अन्य अमेरिकी फंड जिनमें आतिथ्य क्षेत्र की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी कंपनियों में से एक शामिल है, क्लियर इन्वेस्टमेंट पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड नामक 480 अरब रुपये के कोष में भागीदारी कर रही हैं। क्लियर ट्रेड इस फंड में शामिल करने के लिए कई प्रमुख यूरोपीय पेंशन फंड्स के साथ भी बातचीत कर रही है।