facebookmetapixel
भारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदाकिराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र2025 में टेक IPO बाजार की वापसी: मुनाफे के दम पर पब्लिक मार्केट में लौटा स्टार्टअप उत्साहडीमैट की दूसरी लहर: नॉन-लिस्टेड कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक शेयरों का चलन तेज, इश्यूर की संख्या 1 लाख के पार

अमेरिका में उत्पादन बढ़ाएगी सिप्ला, ग्लेनमार्क

इससे उन्हें शुल्क व्यवस्था में बदलाव के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

Last Updated- April 27, 2025 | 10:24 PM IST
Cipla

प्रमुख औषधि कंपनी सिप्ला लिमिटेड और ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स अमेरिका में अपना विनिर्माण दायरा बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इससे उन्हें शुल्क व्यवस्था में बदलाव के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। दोनों कंपनियों की कुल आय में अमेरिकी बाजार का योगदान करीब एक चौथाई है।

इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि सिप्ला अमेरिका में सक्रिय तौर पर अपने कारोबार का विस्तार कर रही है। अमेरिका विशेष रूप से श्वसन एवं कैंसर की जेनेरिक दवाओं का एक प्रमुख वैश्विक बाजार है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अमेरिका में कंपनी मैसाचुसेट्स और न्यूयॉर्क में चार विनिर्माण कारखानों के साथ अपना परिचालन करती है। ये कारखाने श्वसन संबंधी उत्पादों, ओरल थेरेपी सैशे टैबलेट एवं कैप्सूल के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कंपनी का मानना है कि जटिल जेनेरिक और पेप्टाइड आधारित दवा ऐसे दो क्षेत्र हैं जहां उसे लंबी अवधि की रणनीतिक वृद्धि हासिल हो सकती है।

इस बीच, ग्लेनमार्क ने उम्मीद जताई है कि नॉर्थ कैरोलाइना के मोनरो में उसकी इंजेक्टेबल्स इकाई का परिचालन वित्त वर्ष 2026 में सुचारु हो जाएगा। कंपनी उसमें विस्तार करने के लिए भी तैयार है। इस कारखाने को अमेरिकी औषधि नियामक यूएसएएफडीए के निरीक्षण के बाद 2023 में एक चेतावनी पत्र मिला था।

ग्लेनमार्क के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सलदाना ने कहा कि कंपनी को मोनरो कारखाने से काफी फायदा हो रहा है। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका में माहौल कैसा रहेगा, लेकिन हमें मोनरो कारखाने में और विस्तार करने से खुशी होगी।’मोनरो करखाने में इंजेक्टेबल दवाओं का उत्पादन होता है। इंजेक्टेबल श्रेणी में अमेरिका को दवाओं की किल्लत से जूझना पड़ता है। ऐसे में इस कारखाने से कंपनी की स्थिति मजबूत होती है। सलदान्हा ने कहा, ‘जाहिर तौर पर इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को मदद मिल सकती है और यह मेक इन अमेरिका की मौजूदा रणनीति के बिलकुल अनुरूप हो सकता है।’

भारत एवं अन्य जगहों से आयातित दवाओं पर शुल्क बढ़ने की आशंका के मद्देनजर स्थानीय स्तर पर दमदार मौजूदगी काफी महत्त्वपूर्ण हो गई है। सिप्ला की योजना से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘कंपनी की आय में अमेरिका का योगदान पहले से ही काफी है और हम उम्मीद करते हैं कि अगले कुछ वर्षों में उसकी हिस्सेदारी लगातार बढ़ेगी।’

First Published - April 27, 2025 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट