त्योहारी सीजन में बिजली की बढ़ती मांग के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीआईएल की बिजली उत्पादन संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति अक्टूबर में 11 प्रतिशत बढ़कर 5.08 करोड़ टन हो गई।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की बिजली क्षेत्र को ईंधन आपूर्ति पिछले वित्त वर्ष अक्टूबर में 4.58 करोड़ टन थी। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सीआईएल द्वारा बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति एक साल पहले के 33.1 करोड़ टन से 1.5 करोड़ टन बढ़कर 34.6 करोड़ टन हो गई।
इसमें 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बयान के अनुसार, ‘‘ बिजली क्षेत्र को क्वांटम आपूर्ति अक्टूबर तक 34.13 करोड़ टन की प्रगतिशील प्रतिबद्धता से 47 लाख टन अधिक थी।’’
कंपनी बिजली क्षेत्र को 61.0 करोड़ टन के वार्षिक आपूर्ति लक्ष्य को पार करने को लेकर आश्वस्त है। सीआईएल ने अप्रैल-अक्टूबर अवधि में 4.2 करोड़ टन अधिक यानी 39.4 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 35.2 करोड़ टन था।
सीआईएल प्रमुख पी. एम. प्रसाद ने बुधवार को कंपनी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा, ‘‘सीआईएल ने अपने स्थापना वर्ष 1975 में 7.9 करोड़ टन के उत्पादन से लेकर वित्त वर्ष 2023 में 70.3 करोड़ टन के उत्पादन का एक लंबा सफर तय किया है। हम चालू वित्त वर्ष में 78.0 करोड़ टन के चुनौतीपूर्ण उत्पादन लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।’’
सीआईएल के खदान निकास (पिथेड) में कोयले का भंडार अक्टूबर के अंत में 4.1 करोड़ टन था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.4 करोड़ टन अधिक है। भविष्य की मांग में किसी भी वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है।
