भारतीय बाजार में कूदने की ड्रैगन यानी चीन की कोशिश अब तक छोटे उत्पादों में ही सिमटकर रह गई है। लेकिन इससे चीनी कंपनियां बिल्कुल भी मायूस नहीं हुई हैं।
वहां की टिकाऊ उपभोक्ता सामान यानी कंज्यूमर डयूरेबल्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां यहां के बाजार में धमाका करने के लिए तैयार हो गई हैं।देश में पहले से ही कारोबार बढ़ा रही कंपनी हायर इनमें सबसे ऊपर है। हायर ने पिछले साल एंकर देवू के उपकरण कारोबार का अधिग्रहण कर लिया था। इस साल वह कुछ और भारतीय ब्रांड्स के अधिग्रहण का इरादा कर रही है।
उसके अलावा टीसीएल जैसी कंपनी भी है। यह कंपनी अपने उत्पादों की मौजूदा शृंखला में इजाफा करने के लिए बेकरार है। कंपनी अब मोबाइल फोन से लेकर घरेलू उपकरण तक बनाएगी। दोनों कंपनियां इसके लिए देश में बड़ी विनिर्माण इकाइयां लगाने पर विचार कर रही हैं। उनका इरादा कोरिया की कंपनियों एलजी और सैमसंग को टक्कर देना है।
चीन में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक के मामले में हायर, टीसीएल और कोनका का जवाब नहीं। तीनों कंपनियां भारत में भी कुछ साल पहले कारोबार शुरू कर चुकी हैं। टीसीएल ने तो भारत में अकेले ही कदम रखा, लेकिन कोनका और हायर ने हॉटलाइन समूह के साथ हाथ मिला लिया। यह बाद दीगर है कि साझे उपक्रम कामयाब नहीं होने पर दोनों ने अपने दम पर ही कारोबार को तरजीह दी। लेकिन कोनका तकरीबन चार साल बाद 1999 में भारतीय बाजार से गायब हो गई।
भारतीय कंज्यूमर डयूरेबल्स बाजार में टीसीएल और हायर का अब भी नाममात्र का ही हिस्सा है। इस बाजार का आकार लगभग 25,000 करोड़ रुपये है। वर्ष 2006-07 में टीसीएल महज 440 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज करा पाई थी। पिछले कैलेंडर वर्ष में हायर की बिक्री भी केवल 325 करोड़ रुपये रही थी।
चीनी कंपनियों के प्रतिद्वंद्वी कहते हैं कि देश में विनिर्माण इकाई नहीं होने की वजह से ही दोनों का यह हाल है। उनके मुताबिक दोनों कंपनियां स्थानीय कंपनियों से उत्पाद खरीद लेती हैं और अपना ठप्पा लगाकर बेच देती हैं। इसी वजह से वे उत्पादों में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। कुछ के मुताबिक चीनी उत्पादों की गुणवत्ता भी जापानी या कोरियाई उत्पादों के मुकाबले खराब होती है।
हायर को भी इसका खयाल है। इसी वजह से कंपनी अपने उत्पादों की कीमत एलजी और सैमसंग के उत्पादों के मुकाबले तकरीबन 5 फीसदी कम रखती है। हायर एप्लायंसेज (इंडिया) के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रणय धभाई कहते हैं, ‘हम 3 से 5 साल में ही टॉप ब्रांड में शुमार होना चाहते हैं। इसके लिए हम अन्य ब्रांड्स के अधिग्रहण की गुंजाइश भी तलाश रहे हैं।’
कंपनी की नई योजना में डीलरों और वितरण नेटवर्क पर जोर देना है। इसके अलावा उत्पादों को बेहतर बनाना और नई श्रेणियों के उत्पाद बनाने पर भी कंपनी विचार कर रही है। वह पहले ही वाइन सेलर्स बनाने लगी है और जल्द ही व्यावसायिक रेफ्रिजरेशन, वाटर हीटर और व्यावसायिक एयर कंडीशनर भी बाजार में उतार देगी।
टीसीएल सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े उत्पादों और मोबाइल फोन में दिलचस्पी दिखा रही है। कंपनी जल्द ही इनमें से कुछ उत्पादों को बाजार में पेश कर देगी। इसके अलावा यह कंपनी टीवी, एसी, वाशिंग मशीन और डीवीडी प्लेयर जैसे अपने उत्पादों की शृंखला भी बढ़ाना चाहती है।
वैसे दोनों कंपनियों की शक्ल सूरत तब बदलेगी, जब भारत में उनके अपने संयंत्र चालू हो जाएंगे। हायर के पास पुणे में एंकर देवू का कारखाना है, जिसमें रेफ्रिजरेटर, कलर टीवी और वाशिंग मशीन बनाने की क्षमता है। टीसीएल नोएडा में अगले वित्त वर्ष के दौरान नई विनिर्माण इकाई लगाने जा रही है।