एयर इंडिया समूह में विलय की प्रक्रिया तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। इस प्रक्रिया को तेजी से अंजाम देने की कवायद के तहत समूह ने अपनी नीतियों में महत्त्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारियों के अनुसार समूह ने रूम शेयरिंग, लीशर ट्रैवल प्रायोरिटी लिस्ट, भत्तों, रीइंबर्समेंट, भोजन योजना और पायलटों एवं चालक दल के सदस्यों की ग्रैच्युटी से जुड़ी नीतियों में अहम बदलाव किए हैं।
ये सभी बदलाव समूह की तीनों विमानन कंपनियों एयर इंडिया, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस पर लागू होंगे। विस्तारा का एयर इंडिया के साथ 11 नवंबर तक विलय होना है। 1 अक्टूबर को एआईएक्स कनेक्ट का एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय हुआ था जिससे एयर इंडिया की एक किफायती विमानन सहायक इकाई तैयार हुई थी।
पायलटों और चालक दल के सदस्यों ने कुछ नीतिगत बदलावों का स्वागत किया है जबकि कुछ संशोधनों पर उन्होंने नाखुशी का भी इजहार किया है। ‘लीशर ट्रैवल पॉलिसी’ के तहत पायलट और चालक दल के सदस्यों को ड्यूटी के बाद निजी यात्रा के लिए रियायती दाम पर टिकट खरीदने की सुविधा दी जाती है। इससे पहले एयर इंडिया समूह की हरेक विमानन कंपनी इन रियायती टिकटों के लिए अपने कर्मचारियों को वरीयता देती रही हैं।
मगर इस नीति में संशोधन किया गया है जिसके तहत पूरे समूह में एकीकृत प्राथमिकता सूची तैयार की जाएगी। यानी सभी पायलट एवं चालक दल के सदस्यों के साथ, वे किसी भी विमानन कंपनी के हों, समूह की विमान सेवा के रियायती टिकटों के लिए बराबर माना जाएगा। इसके लिए समूह की किसी भी उड़ान में सस्ते टिकटों की सुविधा के लिए एक ही सूची तैयार की जाएगी।
पायलटों एवं चालक दल के सदस्यों ने इस नई नीति का स्वागत किया है मगर कमरा साझा करने से जुड़े नए नियमों पर नाखुशी जताई है। इस समय एयर इंडिया के चालक दल के सदस्यों को अलग-अलग कमरे दिए जाते हैं लेकिन 1 दिसंबर से यह बदल जाएगा और दो सदस्यों को एक ही कमरे में ठहरने के लिए कहा जाएगा।
एयर इंडिया समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया पूरी कोशिश करेगी कि एक ही उड़ान में साथ काम करने वाले चालक दल के सदस्यों को ही कमरा साझा करने दिया जाए। एयर इंडिया समूह ने कर्मचारियों को यह भी बताया है कि 2025 से उन्हें ‘मोबाइल हैंडसेट रीइंबर्समेंट’ और ‘वर्कप्लेस वेलनेस रीइंबर्समेंट’ नहीं दिए जाएंगे।
उन्होंने ग्रैच्युटी सीमा में संशोधन का स्वागत किया है। पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी मगर 12 नवंबर से नई विधि से ग्रैच्युटी की गणना की जाएगी। इसके तहत 20 लाख रुपये सीमा पार करने के बाद भी विमानन कंपनी पूरी रकम का भुगतान करेगी।