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ग्रासिम के बिड़ला ओपस पेंट्स की शिकायत पर CCI ने Asian Paints की जांच शुरू की

ग्रासिम ने एशियन पेंट्स पर डीलरों को कम क्रेडिट, लाभ या सहायता की धमकी देकर बिरला ओपस उत्पादों को स्टॉक करने से बचने के लिए मजबूर करके प्रतिस्पर्धा को दबाने का आरोप लगाया।

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- July 01, 2025 | 10:16 PM IST

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ग्रासिम इंडस्ट्रीज के बिड़ला ओपस पेंट्स ब्रांड से शिकायत मिलने के बाद भारत की सबसे बड़ी पेंट्स फर्म एशियन पेंट्स के खिलाफ संगठित डेकोरेटिव पेंट्स बाजार में अपनी मजबूत स्थिति के कथित दुरुपयोग की औपचारिक जांच शुरू की है।

आज जारी 16 पृष्ठ के आदेश में सीसीआई ने कहा कि उसे प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं कि एशियन पेंट्स ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4(2)(ए)(आई), 4(2)(सी) और 4(2)(डी) का उल्लंघन किया, जिसमें अनुचित व्यापार प्रणालियां, बाजार पहुंच से इनकार और डीलरों पर पूरक जिम्मेदारियां थोपना शामिल है। आदेश में कहा गया है, ‘आयोग, अधिनियम की धारा 26(1) में शामिल प्रावधानों के अनुसार महानिदेशक को मामले की जांच करने और मौजूदा आदेश के 90 दिनों के भीतर एक जांच रिपोर्ट सौंपे जाने का निर्देश देता है।’

बिड़ला ओपस पेंट्स ब्रांड के तहत डेकोरेटिव पेंट्स सेक्टर में हाल में प्रवेश करने वाली ग्रासिम ने एशियन पेंट्स पर डीलरों को कम क्रेडिट, लाभ या सहायता की धमकी देकर बिरला ओपस उत्पादों को स्टॉक करने से बचने के लिए मजबूर करके प्रतिस्पर्धा को दबाने का आरोप लगाया, भागीदारों पर ग्रासिम की टिनटिंग मशीनों को वापस करने का दबाव डाला और प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों और गोदाम सुविधाओं तक पहुंच को अवरुद्ध किया। ग्रासिम ने पहले ही वित्त वर्ष 2025 में 10 प्रतिशत राजस्व बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है, जिससे यह बाजार में अन्य कंपनियों के लिए खतरा बन गई है। ग्रासिम ने यह भी आरोप लगाया कि एशियन पेंट्स ने डीलरों से विशिष्टता प्राप्त करने के लिए विदेश यात्राओं और छूट जैसे मनमाने प्रोत्साहनों की पेशकश की, जबकि इन्हें प्रदर्शन से नहीं जोड़ा गया। 

अपनी आरंभिक प्रतिक्रिया में एशियन पेंट्स ने तर्क दिया कि भारत का डेकोरेटिव पेंट उद्योग कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कंपनियों के साथ बेहद प्रतिस्पर्धी बन गया है और इसमें प्रवेश से जुड़ी बाधाएं कम हैं। उसका मानना है कि ग्रासिम ने तेजी से अपना परिचालन बढ़ाया है और 2,600-2,700 करोड़ रुपये के राजस्व तक पहुंच गई है तथा पेशकश के एक साल के अंदर इस सेगमेंट में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। एशियन पेंट्स ने तर्क दिया है कि 50,000 से अधिक डीलरों और उतनी ही संख्या में टिनटिंग मशीनों को ग्रासिम द्वारा पहले ही शामिल कर लिया गया है, जिससे एंट्री बैरियर के दावे को चुनौती मिलती है।

एशियन पेंट्स के दावों के बावजूद आयोग ने पाया कि कंपनी की 50 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी, व्यापक डीलर नेटवर्क (74,000 से अधिक डीलर) और आपूर्तिकर्ताओं तथा मध्यस्थों पर उसके प्रभाव ने उसे ‘भारत में संगठित क्षेत्र में डेकोरेटिव पेंट्स के निर्माण और बिक्री के बाजार’ में मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है।

सीसीआई ने कहा है कि मनमाने तरीके से डीलर प्रबंधन और प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ इनपुट फोरक्लोजर जैसे कदम नवाचार और उपभोक्ता पसंद को बाधित कर सकते हैं। नियामक ने कहा कि डीलर सर्वेक्षण और ग्रासिम द्वारा पेश हलफनामे से अनुचित व्यवहार के आरोपों की पुष्टि हुई है।

First Published : July 1, 2025 | 10:07 PM IST