भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने गुरुवार को गूगल पर शिकंजा कसा है। सीसीआई ने गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
बता दें कि गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति का गलत फायदा उठाने का आरोप लगा है।
इसी कारण से फेयर ट्रेड रेगुलेटर ने गूगल को अपनी अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने को कहा है और साथ ही जल्द से जल्द इसका समाधान निकालने को भी कहा है। CCI ने अधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा।
आपको बताते चले कि हाल ही में गूगल, एप्पल, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट को भारत में नोटिस जारी किया था।
नोटिस में कहा गया था कि इन कंपनियां का नाम डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। साथ ही इन सभी के खिलाफ जांच बैठनी चाहिए।
बता दें कि जांच करने के लिए भारत में यंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति का भी गठन हुआ था।
ये समिति कॉम्पिटिशन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जांच कर रही थी।
बताते चले कि अप्रैल 2019 में, ट्रेड रेगुलेटर ने देश में एंड्रॉइड-आधारित स्मार्टफोन के कंज्यूमर्स की शिकायतों के बाद मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे।
साथ ही गूगल पर अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज के आरोप दो एग्रीमेंट – मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MADA) और एंटी फ्रैगमेंटेशन एग्रीमेंट (AFA) से संबंधित हैं।
जानिए क्यूं लगा जुर्माना
रेगुलेटर ने कहा कि Google पर एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में कई बाजारों में अपनी मार्केट में पोजिशन का दुरुपयोग करने के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। रिलीज में CCI ने कहा कि मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MADA) के तहत संपूर्ण Google मोबाइल सूट (GMS) की अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन, इसे अनइंस्टॉल करने का कोई विकल्प नहीं है।