facebookmetapixel
Corporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्सभारतीय IT कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका! आउटसोर्सिंग रोकने पर विचार कर रहे ट्रंप, लॉरा लूमर का दावाये Bank Stock कराएगा अच्छा मुनाफा! क्रेडिट ग्रोथ पर मैनेजमेंट को भरोसा; ब्रोकरेज की सलाह- ₹270 के टारगेट के लिए खरीदें

Byju’s Vs Lenders: बैजूस की कानूनी लड़ाई से अन्य निवेशक भी चिंतित

इस मामले से अवगत एक सूत्र ने कहा कि वे अत्यंत चिंतित हैं। वे उस राशि का एक हिस्सा आवंटित कर चुके हैं और शायद आगे कोई भुगतान न हो।

Last Updated- June 11, 2023 | 10:47 PM IST
Court rejects NCLAT order stopping bankruptcy proceedings against Byju's न्यायालय ने Byju's के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रोकने वाले NCLAT के आदेश को किया खारिज

बैजूस (Byju’s) के 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन बी (TLB) और साथ ही ऋण पर कंपनी द्वारा चार करोड़ डॉलर के ब्याज भुगतान की चूक करने पर अमेरिका में एडटेक फर्म और ऋणदाताओं के बीच कानूनी लड़ाई ने अन्य निवेशक डेविडसन केम्पनर कैपिटल मैनेजमेंट को अत्यंत चिंतित कर दिया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि बैजूस ने अमेरिका की निवेश फर्म से 2,000 करोड़ रुपये (25 करोड़ डॉलर) का दौर समाप्त कर दिया है और वह कंपनी में उस पूंजी के विभिन्न किस्त प्रवाह को रोकने या धीमा करने पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि वह भविष्य में कोई नई रकम नहीं देने या ऐसे किसी दौर में भाग नहीं लेने का भी फैसला कर सकती है।

इस मामले से अवगत एक सूत्र ने कहा कि वे अत्यंत चिंतित हैं। वे उस राशि का एक हिस्सा आवंटित कर चुके हैं और शायद आगे कोई भुगतान न हो।

सूत्रों के अनुसार पूंजी का वितरण अब भी डेविड केम्पनर के नियंत्रण में है। अगर कुछ चूक होती है, तो ऋणदाता आवंटन (और राशि का) नहीं करने का विकल्प चुन सकती है।

केम्पनर ने शुक्रवार को भेजे गए सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

बैजूस ने अमेरिकी निवेश प्रबंधन फर्म रेडवुड के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन बी (टीएलबी) भुगतान वसूली में तेजी लाने के ऋणदाताओं के प्रयासों को चुनौती दी। बैजूस इस ऋण पर करीब चार करोड़ डॉलर का ब्याज चुकाने में भी विफल रही है। इस तरह वह अमेरिका के ऋण पर चूक करने वाली एकमात्र भारतीय स्टार्टअप बन गई है।

First Published - June 11, 2023 | 10:47 PM IST

संबंधित पोस्ट