राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा एडटेक कंपनी बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही के आदेश को कंपनी चुनौती दे सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में एडटेक फर्म राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) में गुहार लगा सकती है।
एनसीएलटी ने पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम समाधान पेशेवर के तौर पर नियुक्त किया है और बैजूस के पास अब समय नहीं बच रहा है क्योंकि ऋणदाताओं की समिति का गठन शुरू हो गया है। ऋणदाताओं की समिति के गठन से पहले समझौते के महत्त्व के बारे में एंड्री लीगल के पार्टनर आशिष प्यासी ने कहा, ‘याचिका स्वीकार होने पर उपलब्ध कानूनी विकल्पों में अपील अधिकरण के समक्ष आदेश को चुनौती देना शामिल है।’
‘अगर ऐसा होता है कि पक्ष मामले को सुलझा सकते हैं और समाधान प्रक्रिया रद्द हो जाएगी। अगर ऋणदाताओं की समिति के गठन से पहले निकासी शुरू की जाती है तो 90 फीसदी ऋणदाताओं की मंजूरी भी जरूरी नहीं रहेगी।’
‘मगर याची के साथ कोई समझौता नहीं होता है तो यह रद्द तब ही हो सकता है जब इसे 90 फीसदी ऋणदाताओं की समिति से मंजूरी मिली हो।’ शिवदास ऐंड शिवदास लॉ चैंबर के पार्टनर प्रशांत शिवदास ने कहा, ‘बैजूस एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपील कर सकती है और आदेश पर रोक लगाने की मांग कर सकती है।’