facebookmetapixel
वित्त मंत्री सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, GST 2.0 के सपोर्ट के लिए दिया धन्यवादAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्स

NCLT के आदेश को चुनौती दे सकती है बैजूस

एनसीएलएटी में अपील कर सकती है बैजूस, ऋणदाताओं की समिति के गठन से पहले समझौते की संभावना पर जोर

Last Updated- July 17, 2024 | 11:45 PM IST
Court rejects NCLAT order stopping bankruptcy proceedings against Byju's न्यायालय ने Byju's के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रोकने वाले NCLAT के आदेश को किया खारिज

राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा एडटेक कंपनी बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही के आदेश को कंपनी चुनौती दे सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में एडटेक फर्म राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) में गुहार लगा सकती है।

एनसीएलटी ने पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम समाधान पेशेवर के तौर पर नियुक्त किया है और बैजूस के पास अब समय नहीं बच रहा है क्योंकि ऋणदाताओं की समिति का गठन शुरू हो गया है। ऋणदाताओं की समिति के गठन से पहले समझौते के महत्त्व के बारे में एंड्री लीगल के पार्टनर आशिष प्यासी ने कहा, ‘याचिका स्वीकार होने पर उपलब्ध कानूनी विकल्पों में अपील अधिकरण के समक्ष आदेश को चुनौती देना शामिल है।’

‘अगर ऐसा होता है कि पक्ष मामले को सुलझा सकते हैं और समाधान प्रक्रिया रद्द हो जाएगी। अगर ऋणदाताओं की समिति के गठन से पहले निकासी शुरू की जाती है तो 90 फीसदी ऋणदाताओं की मंजूरी भी जरूरी नहीं रहेगी।’

‘मगर याची के साथ कोई समझौता नहीं होता है तो यह रद्द तब ही हो सकता है जब इसे 90 फीसदी ऋणदाताओं की समिति से मंजूरी मिली हो।’ शिवदास ऐंड शिवदास लॉ चैंबर के पार्टनर प्रशांत शिवदास ने कहा, ‘बैजूस एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपील कर सकती है और आदेश पर रोक लगाने की मांग कर सकती है।’

First Published - July 17, 2024 | 11:27 PM IST

संबंधित पोस्ट