केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के पुनरुद्धार के लिए तीसरे पैकेज को आज मंजूरी दे दी, जिसके तहत उसे 89,047 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी 1.50 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। मंत्रिमंडल ने कंपनी को इक्विटी निवेश के जरिये 4जी और 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने की भी मंजूरी दी है।
संचार मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से बीएसएनएल को कनेक्टिविटी की विभिन्न योजनाओं के तहत पूरे देश खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में 4जी और 5जी सेवाएं देने में मदद मिलेगी। बीएसएनएल तेज रफ्तार वाले इंटरनेट के लिए फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) सेवाएं और गैर-सार्वजनिक कैप्टिव नेटवर्क को सेवाएं भी दे सकेगी।
मुश्किलों से घिरी बीएसएनएल में नई जान फूंकने के लिए सरकार पहले भी राहत पैकेज दे चुकी है। सरकार ने BSNL और MTNL को पटरी पर लाने के लिए अक्टूबर 2019 में पहली बार 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। पिछले साल सरकार ने दूसरी पुनरुद्धार योजना के तहत इन सरकारी दूरसंचार कंपनियों के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी।
सरकारी पूंजी से BSNL को पूंजीगत खर्च (capex) के लिए वित्तीय मदद मिली, ग्रामीण लैंडलाइन के लिए पूंजी मिली तथा बैलेंस शीट सुधारने में भी मदद मिली। साथ ही उसने समायोजित सकल राजस्व का बकाया भी चुका दिया।
सरकार से राहत पैकेज मिलने से BSNL की माली हालत भी सुधरी और वित्त वर्ष 2021-22 में वह परिचालन मुनाफा कमाना शुरू कर दिया। कंपनी पर पहले 32,944 करोड़ रुपये कर्ज था, जो अब घटकर 22,298 करोड़ रुपये रह गया है।
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उम्मीद जताई कि कंपनी अगले तीन साल में कर्ज से पूरी तरह मुक्त हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘पहले दो पैकेज से BSNL को बेहद कठिन परिस्थिति से निकालकर स्थिर करने और वृद्धि के रास्ते पर लाने में मदद मिली। अब बीएसएनएल के लिए उन जगहों तक कनेक्टिविटी पहुंचाने का वक्त आ गया है, जहां निजी क्षेत्र के ऑपरेटर नहीं पहुंच पाए हैं।’
BSNL की योजना एक साल के अंदर दिल्ली और मुंबई में 5जी सेवाएं शुरू करने की है। वैष्णव ने पहले बताया था कि बीएसएनएल नवंबर-दिसंबर तक 5जी सेवाएं शुरू करेगी। कंपनी अगले कुछ हफ्तों में 4जी सेवा शुरू करने पर काम कर रही है। BSNL ने 4जी के परीक्षण के लिए पंजाब के तीन जिलों में 200 साइट लगाई हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की अगुआई वाले एक कंसोर्टियम को पिछले महीने ही 4जी नेटवर्क के उपकरणों के लिए 15,000 करोड़ रुपये के ठेके दिए जा चुके हैं।