कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने का सीजन शुरू हो गया है और ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनियों की आय और मुनाफा वृद्धि में नरमी आ सकती है। पहली तिमाही में देश की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों का मुनाफा अनुमान से ज्यादा रहा था।
ब्रोकरेज के अनुमान के अनुसार निफ्टी 50 कंपनियों का कुल मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 19.6 फीसदी बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपये रह सकता है, जो पहली तिमाही की 37.6 फीसदी वृद्धि से काफी कम है। सितंबर तिमाही में जून तिमाही के मुकाबले कंपनियों का समेकित मुनाफा 8.8 फीसदी घट सकता है और यह पिछली तीन तिमाही में सबसे कम रह सकता है।
ब्रोकरेज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी की आय वृद्धि में भी गिरावट आ सकती है। अनुमान के मुताबिक निफ्टी 50 कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 5.2 फीसदी बढ़ सकती है जबकि पहली तिमाही में इसमें 7.8 फीसदी का इजाफा हुआ था। अगर अनुमान के मुताबिक आय रही तो यह 11 तिमाही में सबसे कम आय वृद्धि होगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि निफ्टी कंपनियों का मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 21 फीसदी बढ़ सकता है। तेल मार्केटिंग कंपनियों को छोड़ दें तो निफ्टी कंपनियों का मुनाफा 15 फीसदी बढ़ सकता है। कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि मुख्य रूप से बैंक एवं वित्तीय कंपनियों, वाहन तथा तेल एवं गैस कंपनियों की बदौलत आएगी।’
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों के मुनाफे में सालाना वृद्धि को संभवत: बढ़ाकर दिखाया गया है क्योंकि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही के एचडीएफसी बैंक के आंकड़ों में पूर्ववर्ती एचडीएफसी बैंक के वित्तीय आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं जिनका इस साल जुलाई में विलय हुआ है। इस साल जून तक एचडीएफसी निफ्टी 50 सूचकांक में शामिल थी। दूसरी तिमाही में पहली बार एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के आंकड़े शामिल किए जाएंगे।
हमारे विश्लेषण में एचडीएफसी की पिछली तिमाहियों के एकल आंकड़े शामिल हैं जब वह स्वतंत्र इकाई थी। एचडीएफसी के पहली तिमाही के आंकड़ों को समायोजित करने पर दूसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक का शुद्ध मुनाफा सपाट रह सकता है जबकि ब्रोकरेज ने 38 फीसदी सालाना वृद्धि का अनुमान लगाया है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के विश्लेषकों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अपने अनुमान में लिखा है, ‘हमारा अंदाजा है कि दूसरी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 23 फीसदी बढ़ सकता है मगर तिमाही आधार पर यह सपाट रहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि वाहन, बैंक, पूंजीगत वस्तुओं, रसायन, निर्माण सामग्री और धातु एवं खनन क्षेत्र की कंपनियों का शुद्ध मुनाफा बढ़ेगा।’
अलग-अलग कंपनी स्तर पर देखें तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों के कुल मुनाफे में भारत पेट्रोलियम का योगदान सबसे अधिक करीब 22 फीसदी होगा। ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि भारत पेट्रोलियम का शुद्ध मुनाफा 5,987 करोड़ रुपये रह सकता है जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसे 316 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
इसी तरह टाटा मोटर्स को दूसरी तिमाही में 4,114 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हो सकता है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे 1,018 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की आय वृद्धि में 18 फीसदी योगदान वाहन कंपनियों का हो सकता है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शुद्ध मुनाफे में सालाना आधार पर 33.1 फीसदी बढ़ोतरी होने का अनुमान है और कंपनियों की कुल आय वृद्धि में यह 15.8 फीसदी का योगदान देगी।
दूसरी ओर ओएनजीसी, कोल इंडिया, टाटा स्टील आदि के शुद्ध मुनाफे में गिरावट आने का अनुमान है। आय के हिसाब से देखें तो टाटा मोटर्स, मारुति सुजूकी और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर दो अंकों में बढ़ने का अनुमान है। इसके उलट हिंडाल्को और ओएनजीसी जैसी कंपनियों की आय में सबसे ज्यादा कमी आने का अनुमान है।