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Havells India के लिए निखर रही तस्वीर

वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में, कंपनी का एबिटा मार्जिन तिमाही आधार पर सुधरा, लेकिन ऊंचे विज्ञापन खर्च और एचआर निवेश की वजह से सालाना आधार पर इसमें गिरावट आई।

Last Updated- March 07, 2024 | 9:56 PM IST
Havells India Q4 results

वित्त वर्ष 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में हैवेल्स इंडिया ने उपभोक्ता मांग में लगातार दबाव की वजह से कमजोर राजस्व वृद्धि दर्ज की। कंपनी का राजस्व केबल और त्योहारी सीजन संबंधित छूट के कारण घरेलू अप्लायंसेज व्यवसाय में अच्छे प्रदर्शन की मदद से एक साल पहले की तुलना में 7 प्रतिशत बढ़ा।

वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में, कंपनी का एबिटा मार्जिन तिमाही आधार पर सुधरा, लेकिन ऊंचे विज्ञापन खर्च और एचआर निवेश की वजह से सालाना आधार पर इसमें गिरावट आई।

कंपनी ने निर्यात विकसित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं और प्रबंधन को अनुमान है कि गर्मी आते ही वित्त वर्ष 2024 की चौथी और वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में में एयर कंडीशनर (एसी) और पंखों की मांग में सुधार आएगा। इस वजह से मार्जिन में भी सुधार आएगा और यह सामान्य होगा।

तीसरी तिमाही में, स्विचगियर, लाइटिंग और इलेक्ट्रिकल कंज्यूमर ड्यूरेबल (ईसीडी) सेगमेंटों ने कमजोर राजस्व दर्ज किया और परिचालन मार्जिन में गिरावट आई। दूरसंचार क्षेत्र से कमजोर मांग और वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के ऊंचे आधार की वजह से स्विचगियर और ईसीडी में कमजोरी आई। लाइटिंग खंड में राजस्व पर दबाव बिक्री वृद्धि के बावजूद लगातार कीमत गिरावट की वजह से देखा गया था।

हैवेल्स ने निर्यात बढ़ाने के प्रयास में दो अमेरिकी सहायक इकाइयां स्थापित की हैं। कंपनी पश्चिम एशिया पर भी नजर रख रही है। उसकी यह योजना वैश्विक बाजारों में ब्रांड निर्माण एवं वितरण को बढ़ावा देने से जुड़ी हुई है। इसके अलावा कंपनी अच्छे मार्जिन को ध्यान में रखते हुए व्हाइट लेबलिंग पर ध्यान देने के लिए भी स्वतंत्र है। प्रबंधन का अनुमान था कि बी2बी व्यवसाय में मांग बी2सी व्यवसाय के मुकाबले बेहतर रहेगी।

इसकी वजह सुस्त उपभोक्ता धारणा थी। उपभोक्ता धारणा में अब सुधार आने की संभावना है, क्योंकि मुद्रास्फीति नरम पड़ी है। निर्यात एक प्रमुख विकास वाहक रहने की संभावना है। हैवेल्स और लॉयड्स एसी और पंखों में ऊर्जा पारेषण की वजह से लागत वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालने में सक्षम है।

ऐसी श्रेणी में क्षमता विस्तार की योजना है जिसमें क्षमता इस्तेमाल 70-75 प्रतिशत पर पहुंचता है। वायर खंड का योगदान कुल केबल्स एंड वायर्स (सीऐंडडब्ल्यू) सेगमेंट में 60-65 प्रतिशत है। यह एक ऐसा ब्रांड-केंद्रित व्यवसाय है जिसमें कंपनी केबल के मुकाबले बेहतर मार्जिन हासिल करती है। लेकिन वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में, केबल का योगदान वायर खंड से ज्यादा रहा।

लॉयड की कुल बिक्री में एसी का योगदान 65-70 प्रतिशत है। कंपनी की यह बिक्री मौसमी प्रकृति की वजह से मुख्य तौर पर चौथी और पहली तिमाही में होती है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के पहले 9 महीनों में बाजार भागीदारी बढ़ाई और वित्त वर्ष 2024 की चौथी और वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है। मौजूदा क्षमता इस्तेमाल 60 प्रतिशत पर है। एसी उद्योग समेकन के दौर से गुजर रहा है और शीर्ष-5 कंपनियों के पास

अधिकतम बाजार भागीदारी है। लॉयड टॉप-4 में शामिल है और माना जा रहा है कि कम पैठ को देखते हुए उसके लिए अच्छी वृद्धि की गुंजाइश बनी हुई है। बीईई बदलाव, लाइटिंग में कीमत कटौती, बेमौसम बारिश से गर्मी में कमी की वजह से ईसीडी सेगमेंट का प्रदर्शन कमजोर रहा। हालांकि प्रबंधन को सकारात्मक बदलाव के संकेत दिख रहे हैं क्योंकि मुद्रास्फीति की चाल धीमी पड़ी है। कई विश्लेषक इस शेयर पर सकारात्मक बने हुए हैं।

First Published - March 7, 2024 | 9:56 PM IST

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