नुमालीगढ़ रिफाइनरी (एनआरएल) की हिस्सेदारी बिक्री ऑयल इंडिया की अगुआई वाले कंसोर्टियम को करने से भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) के विनिवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। लेकिन इससे महारत्न पीएसयू का मूल्यांकन प्रभावित नहीं होगा, जैसा कि इसके निजीकरण से केंद्र सरकार हासिल करने की उम्मीद कर रही है।
बीपीसीएल के निदेशक (वित्त) एन विजयगोपाल ने कहा, भारत सरकार का फैसला था कि बीपीसीएल की बिक्री एनआरएल को छोड़कर होगी। इसलिए मुझे नहीं लगता कि एनआरएल का मूल्यांकन किसी तरह से बीपीसीएल के मूल्यांकन पर असर डालने जा रहा है।
उन्होंने कहा, हालांकि एनआरएल के मूल्यांकन के लिए हमने जो प्रक्रिया अपनाई है और जिस तरह से हमने इस लेनदेन को पूरा किया है वह भारत पेट्रोलियम की छवि में सुधार लाएगा और भारत सरकार भी तेजी से फैसले लेगी और यह बीपीसीएल के मूल्यांकन पर सकारात्मक असर दिखा सकता है।
बीपीसीएल बोर्ड ने ओआईएल की अगुआई वाले कंसोर्टियम की तरफ से 1 मार्च को जमा कराई गई बोली मंजूर कर ली है। उम्मीद है कि एनआरएल की 61.65 फीसदी हिस्सेदारी कंसोर्टियम व असम सरकार को बेचने से बीपीसीएल को 9,875.96 करोड़ रुपये
हासिल होंगे।
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष सुमित पोखरना ने कहा, बीपीसीएल के निजीकरण के लिहाज से यह सकारात्मक प्रगति है। इसके बाद बीपीसीेल के पास तीन रिफाइनरी रह जाएगी। हमें उम्मीद है कि बीपीसीएल का निजीकरण जल्द हो जाएगा।
विजयगोपाल ने कहा कि एनआरएल की हिस्सा बिक्री से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल भारत ओमान रिफाइनरी में 2,400 करोड़ रुपये की ओमान ऑयल कंपनी का शेयर खरीदने में किया जाएगा। बाकी रकम सरकार व बीपीसीएल के अन्य मौजूदा शेयरधारकों को विशेष लाभांश के तौर पर देने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीएलएसए की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआरएल का मौजूदा मूल्यांकन अभी पहले के अनुमान के मुकाबले 16 फीसदी कम है। मूल्यांकन पर एक सवाल के जवाब में विजयगोपाल ने कहा, ओआईएल कंसोर्टियम की बोली की रकम पहले ही सांकेतिक कीमत से ज्यादा है जिसका अनुमान बीपीसीएल ने लगाया था। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन एक तरह की अवधारणा है और इस सौदे में बीपीसीएल की सलाहकार डेलॉयट है।
एनआरएल से निकलने के बाद बीपीसीएल के एकीकृत सकल रिफाइनरी मार्जिन पर कितना असर होगा, इस पर विजयगोपाल ने कहा, एनआरएल का जीआरएम हमारे परिचालन वाली कंपनियों के जीआरएम से तुलनायोग्य है, जिसमें उत्तर पूर्वी राज्यों में मिलने वाला लाभ शामिल नहीं है, जो उन्हें मिलता है। अप्रैल-दिसंबर 2020 में एनआरएल का जीआरएम 1.44 डॉलर प्रति बैरल था। ऐसे में हम पर इसका असर नहीं पड़ा।
हिस्सा बिक्री के बाद बीपीसीएल के कर्ज संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, आज हमारा कर्ज 25,000 करोड़ रुपये के सहज स्तर पर है और मार्च 2020 में यह 41,000 करोड़ रुपये था। ऐसे में हम इस स्तर पर सहज हैं और ब्याज दरें भी अभी नरम हैं। हमारा पीई भी ठीक है लेकिन हम उच्च लागत वाली उधारी पर नजर डाल रहे हैं, जो पहले लिए गए थे।
बीपीसीएल के निजीकरण पर विजयगोपाल ने कहा, डेटा रूम तैयार है और निवेश व सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को अब पात्र बोलीदाता का नाम देना होगा, जो डेटा रूम का दौरा कर सकते हैं।
