बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Rapido) को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने कंपनी की पुणे आरटीओ द्वारा दोपहिया और तिपहिया टैक्सियों के लिए लाइसेंस देने से इनकार करने के खिलाफ वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस एसजी डिगे की खंडपीठ ने कहा कि रैपिडो के रुख में अनियमितता हैं। उन्होंने कहा एक ओर यह कह रहा है कि राज्य के दिशानिर्देशों की कमी के कारण लाइसेंस को खारिज नहीं किया जा सकता है और दूसरी ओर यह कहता है कि केंद्रीय दिशानिर्देशों की आवश्यकताओं का पालन करने की जरूरत नहीं है।
खंडपीठ ने कहा, “यह देखना मुश्किल है कि दोनों तर्क कैसे मौजूद हो सकते हैं। जब गैर-अनुपालन की ओर इशारा किया जाता है, तो दिशानिर्देशों की अनुपस्थिति का हवाला दिया जाता है … हम यह नहीं समझते हैं कि एक एग्रीगेटर लाइसेंस के बिना और दिशानिर्देशों के खिलाफ काम करने का दावा कैसे कर सकता है। यह कहना भी सही नहीं है कि केवल नीति की कमी के कारण अस्वीकृति हुई थी। आदेश को उसकी टिप्पणियों के साथ देखना होगा।”
कोर्ट ने कहा कि केंद्र की मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस, 2020 राज्य सरकार को अपनी गाइडलाइंस बनाने से नहीं रोकती है। अदालत ने कहा, “किस शर्तों के तहत एग्रीगेटर्स को प्लाई करना चाहिए, … उन्हें एग्रीगेटर अपने से नहीं नहीं मान सकता है।”