facebookmetapixel
Ramesh Damani की एंट्री से इस शेयर ने भरी उड़ान, 2 दिन में 10% उछला; 3 साल में 330% रिटर्नGold silver price today: चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, भाव 2.50 लाख पार; जानें सोने के रेटStocks to Buy: चार्ट पैटर्न में दिखी मजबूती, ये 3 शेयर दिला सकते हैं 15% तक रिटर्न; जानिए एनालिस्ट की रायStock Market Update: शेयर बाजार की सपाट शुरुआत, सेंसेक्स 80 अंक चढ़ा; निफ्टी 26 हजार के ऊपरAI इम्पैक्ट समिट में भारत के नवाचार से होंगे दुनिया रूबरूअदाणी का रक्षा क्षेत्र में 1.8 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेशRolls-Royce भारत में करेगा बड़ा निवेश, नई पीढ़ी के एरो इंजन पर फोकससऊदी अरब के ताइफ एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की रेस में जीएमआर और टेमासेक आगेStocks To Watch Today: Coforge, Vedanta से लेकर PNB तक हलचल, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरAI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट

बियाणी को सर्वोच्च न्यायालय से राहत

Last Updated- December 12, 2022 | 1:12 AM IST

फ्यूचर समूह को आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से बड़ी राहत मिली। शीर्ष अदालत ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का आदेश लागू करने के लिए ई-कॉमर्स फर्म एमेजॉन द्वारा शुरू की गई कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। मध्यस्थता अदालत ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया था और फ्यूचर रिटेल तथा रिलायंस समूह के बीच 3.4 अरब डॉलर के विलय सौदे पर रोक लगाने का आदेश दिया था।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा ए एस बोपन्ना के पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को चार हफ्ते तक इस मामले में कोई अंतिम आदेश पारित नहीं करने का निर्देश दिया है।
फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड और फ्यचूर रिटेल के द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया। यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी। एकल पीठ ने आपातकालीन आदेश के उल्लंघन मामले में फ्यूचर समूह की कंपनियों और इसके प्रवर्तक किशोर बियाणी की संपत्तियों को जब्त करने एवं बियाणी तथा समूह के अन्य निदेशकों को गिरफ्तार करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 

लॉ फर्म सराफ ऐंड पार्टनर्स में पार्टनर मनमीत सिंह ने कहा कि आपात आदेश को सिंगापुर में चुनौती दी जा सकती है। लेकिन फ्यूचर समूह की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने के मकसद से जारी किया गया है। सिंह ने कहा, ‘हालांकि नियामक इस बीच सौदे पर अपनी सुनवाई जारी रखने के लिए स्वतंत्र हैं।’ 
अगस्त में सर्वोच्च न्यायालय ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया था और फ्यूचर तथा रिलायंस के विलय सौदे पर रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ एमेजॉन को याचिका दायर करने की अनुमति दी थी जिसमें उच्च न्यायालय ने फ्यूचर समूह की कंपनियों और बियाणी की संपत्तियों को जब्त करने के आदेश पर रोक लगाई गई थी। यह मामला एमेजॉन और फ्यूचर-रिलायंस सौदे से जुड़ा है। एमेजॉन का आरोप है कि इस सौदे में बियाणी के नेतृत्व वाली कंपनी द्वारा गैर-प्रतिस्पर्धी समझौते का उल्लंघन किया गया है।

First Published - September 9, 2021 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट