ऑनलाइन ग्रोसरी स्टोर बिगबास्केट का परिचालन करने वाली सुपरमार्केट ग्रोसरी सप्लाइज का एकीकृत शुद्ध नुकसान वित्त वर्ष 2020 में 611 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले के 572 करोड़ रुपये के मुकाबले 6.7 फीसदी ज्यादा है।
बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टॉफ्लर की तरफ से उपलब्ध कराए गए वित्तीय आंकड़ों के मुताबिक, बेंगलूरु मुख्यालय वाली कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2020 में 36 फीसदी की उछाल के साथ 3,822 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
टाटा समूह जल्द ही बिगबास्केट का अधिग्रहण करेगा। इस कंपनी का कुल खर्च इस दौरान 31 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4,433 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 3,376 करोड़ रुपये रहा था। टाटा समूह इस कंपनी की बहुलांश हिस्सेदारी ले रही है और बातचीत काफी आगे बढ़ गई है और इस सौदे में ऑनलाइन ग्रोसर की वैल्यू 1.6 अरब डॉलर हो सकती है।
बिगबास्केट ने पहले कहा था कि कोविड पूर्व के मुकाबले नए ग्राहकों की संख्या में उसने 84 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। अलीबाबा के समर्थन वाली कंपनी अभी हर महीने 2 करोड़ ऑर्डर ले रही है और पिछले साल 1 अरब डॉलर का रन-रेट हासिल कर चुकी है।
रेडसीर व बिगबास्केट की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ई-ग्रोसरी के बाजार का कुल आकार साल 2019 के 1.9 अरब डॉलर के मुकाबले 2020 के आखिर तक 3 अरब डॉलर होने की संभावना है। 57 फीसदी की सालाना रफ्तार पर यह साल 2024 तक 18 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है।
रिविगो का राजस्व 5 फीसदी बढ़ा
प्रौद्योगिकी समर्थ लॉजिस्टिक्स फर्म रिविगो का राजस्व वित्त वर्ष 2019-20 में 5 फीसदी बढ़कर 1,080 करोड़ रुपये हो गया। बिजनेस इंटेलिजेंस फर्म टोफ्लर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, साल के दौरान कंपनी का शुद्ध घाटा 5 फीसदी बढ़कर 542 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी का कुल खर्च 5 फीसदी बढ़कर 1,622 करोड़ रुपये हो गया। गुरुग्राम के इस यूनिकॉर्न ने दिसंबर में वारबर्ग पिंकस से संबद्ध स्प्रिंग कैंटर इन्वेस्टमेंट लिमिटेड से 140.63 करोड़ रुपये जुटाए। इससे पहले नवंबर में उसने एलिवेशन कैपिटल (पूर्व में सैप पार्टनर्स) से 1.14 करोड़ डॉलर और पिछले साल जनवरी में ट्राईफेक्टा से 34 लाख डॉलर जुटाए थे।