‘बिग फोर’ के नाम से मशहूर चार बड़ी अकाउंटिंग कंपनियां भारत में तकनीकी आधार वाले पेशेवरों को अधिक भर्ती कर रही हैं। विशेषकर कोविड-19 महामारी के बाद ग्राहकों का जोर डिजिटलीकरण की ओर अधिक है, इसे देखते हुए टेक प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ी है।
ईवाई इंडिया का कहना है कि उसने पिछले तीन साल में कंसल्टिंग, टैक्स, एश्योरेंस एवं स्ट्रैटजी ऐंड ट्रांजेक्शन जैसी अपनी सभी सेवाओं में तकनीकी प्रतिभा पूल को तीन गुना तक बढ़ा दिया है।
कंपनी ने कहा कि आज उसका 50 प्रतिशत कार्यबल स्टेम (साइंस, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) और प्रौद्योगिकी पृष्ठभूमि से है और वह एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिसिस और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और भर्तियां कर रही है ताकि ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
एक और बिग फोर फर्म डेलॉयट इंडिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी से पहले उसका 25 प्रतिशत स्टाफ तकनीकी पृष्ठभूमि वाला था। अब यह संख्या बढ़कर 46 प्रतिशत पहुंच गई है। डेलॉयट इंडिया में चीफ पीपल ऐंड एक्सपीरियंस ऑफिसर दीप्ति सागर ने कहा, ‘ग्राहकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने और संगठन की तरक्की के लिए प्रौद्योगिकी और डिजिटल बदलाव बहुत ही आवश्यक है।
इस वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए हम टेक प्रोफेशनल्स की भर्ती कर रहे हैं।’भारत में केपीएमजी में पार्टनर और प्रौद्योगिकी, मीडिया ऐंड टेलीकम्युनिकेशंस के राष्ट्रीय प्रमुख अखिलेश टुटेजा कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में उनका तकनीकी प्रतिभा पूल 20 से 25 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ा है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा कि डिजिटलीकरण के दौर में उन टेक प्रोफेशनल्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है, जो नवोन्मेष और विभिन्न क्षेत्रों में भी कौशल विकास का नेतृत्व कर सकें।
पीडब्ल्यूसी इंडिया में चीफ पीपल ऑफिसर शिरीन सहगल का कहना है, ‘पीडब्ल्यूसी आज करोबारी बदलाव, साइबर सुरक्षा, ईएसजी, डाटा विश्लेषण और बिग डाटा, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और डिजिटल परिवर्तन पर अच्छा-खासा निवेश कर रही है। हम बाजार की वास्तविकता, ग्राहकों की जरूरत और फर्म की आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी प्रतिभा विकास रणपीति पर काम करते हैं।’
ये बिग फोर फर्म कहती हैं कि आज तकनीकी कौशल केवल पारंपरिक प्रौद्योगिकी आधारित कार्यों में ही जरूरी नहीं है, बल्कि अन्य कार्यों में सुधार के लिए भी इस तकनीक को आजमाया जा रहा है। डेलॉयट इंडिया ने कहा कि नए पेशेवरों को भर्ती करने के साथ-साथ मौजूदा और नए आने वाले कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है।
हम व्यक्तित्व आधारित प्रशिक्षण अपना रहे हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया ने यह भी कहा कि वह अपने कर्मचारियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और निवेश पर अधिक ध्यान दे रही है। उसने कहा, ‘हम लगातार नए प्रतिभाशाली पेशेवरों को नौकरी पर रख रहे हैं, जो उन्नत विश्लेषण, साइबर सुरक्षा का विशेषज्ञ हो। ऐसे सुलझे हुए पेशेवर मिलना आसान नहीं होता । इसलिए इनकी मांग हमेशा तेज बनी रहेगी।’ ईवाई इंडिया ने कहा, ‘चूंकि एआई जैसी प्रौद्योगिकियों के आने से कामकाम का तरीका बदल रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि तकनीकी आधार वाले पेशेवरों की मांग अभी और बढ़ेगी।’