भारत के सरकारी स्वामित्व वाली भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने शुक्रवार को तिमाही लाभ में 34.2% की गिरावट दर्ज की, देश में बिजली की बढ़ती मांग के बावजूद पिछले कुछ महीनों में कंपनी के कुल खर्चों में बढ़ोतरी हुई है और उसका ही असर उनके मुनाफे पर दिख रहा है।
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ गिरकर 5.98 बिलियन भारतीय रुपये (72.4 मिलियन डॉलर) हो गया, जो एक साल पहले 9.09 बिलियन रुपये था।
कच्चे माल के महंगे होने के कारण इनपुट लागत बढ़ी है, जिसकी वजह से कुल खर्च 5.4% बढ़ गया, साल-दर-साल के हिसाब से बात करें तो खर्च 23.9% बढ़ गया। अक्सर देखा जाता है कि बिजली उत्पादन उपकरण निर्माता BHEL को देश में बिजली की बढ़ती मांग से मुनाफा होता है, क्योंकि कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल कोयला आधारित बिजली उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी लगभग 57% है।
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भारत सरकार ने अपनी पावर पॉलिसी ड्ऱॉफ्ट में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए नई कोयला परियोजनाओं के निर्माण को रोकने की योजना बनाई है, क्योंकि उनका उद्देश्य 2070 तक नेट जीरो एमिशन प्राप्त करना है। ताकि देश में वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। बहरहाल, भविष्य इसके चलते भी BHEL पर मुनाफे पर असर पड़ सकता है।