देश में मोबाइल फोन सेवा मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल अफ्रीकी कंपनी एमटीएन गु्रप के लिए अधिग्रहण की होड़ में भले ही पिछड़ गई, लेकिन उसकी अधिग्रहण और विलय की भूख समाप्त नहीं हुई है।
कंपनी ने अधिग्रहण और विलय के लिए तलाश जारी रखने का फैसला किया है। भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक अखिल गुप्ता ने कहा, ‘ हमारी पहली पसंद उभरते बाजार हैं।’ भारती के अरबपति चेयरमैन सुनील मित्तल ने 6.7 करोड़ उपभोक्ताओं का आधार तैयार किया है जिनमें प्रति 4 में से 1 उपभोक्ता भारत में है। कंपनी की 1 रुपये प्रति मिनट की कॉल दर की पेशकश उपभोक्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय है।
गुप्ता ने कहा कि आइडिया सेल्युलर के स्पाइस कम्युनिकेशंस के अधिग्रहण से भी घरेलू स्तर पर विलय को बढ़ावा मिल सकता है। केपीएमजी इंटरनेशनल की भारतीय इकाई के भागीदार राजेश जैन ने कहा, ‘वैश्विक रूप से अधिग्रहण किया जाना भारती के लिए महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इसकी शीघ्र आवश्यकता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि इसके लिए अफ्रीकी और पश्चिम एशियाई बाजारों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत है।
भारत में अपनी विस्तार योजनाओं पर भारती इस साल 12,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक भारती ने रिलायंस कम्युनिकेशंस, वोडाफोन एस्सार (वोडाफोन की इकाई) और आइडिया समेत अन्य ऑपरेटरों की तुलना में पिछले साल अधिक ग्राहक अपने नेटवर्क से जोडे।