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भारत में कंपनियों के मुनाफे में बढ़ रही BFSI की भागीदारी

चीन में BFSI फर्मों की आय में गिरावट

Published by
कृष्ण कांत   
Last Updated- December 01, 2023 | 10:20 PM IST

वैश्विक बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) उद्योग के राजस्व व शुद्ध लाभ में पिछले कुछ वर्षों में खासी बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से बैंकों व गैर-बैंक लेनदारों की बढ़ती उधारी दरें और शुद्ध ब्याज मार्जिन में इजाफे के कारण हुई है।

इसके परिणामस्वरूप BFSI फर्में कई अर्थव्यवस्थाओं में कंपनियों के लाभ में अहम योगदान करने वाली बन गई हैं। भारत में कंपनियों की आय का प्रदर्शन दूसरी अहम अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले (चीन को छोड़कर) खास तौर से BFSI क्षेत्र पर ज्यादा निर्भर है।

भारत में BFSI क्षेत्र अब कंपनियों के कुल लाभ में करीब 35 फीसदी का योगदान कर रहा है। यह अमेरिका (29.3 फीसदी), यूनाइटेड किंगडम (27.3 फीसदी), जापान (9.7 फीसदी) और दक्षिण कोरिया (32.6 फीसदी) से ज्यादा है। इस संबंध में चीन ही भारत से आगे है जहां BFSI फर्में देश की कंपनियों की कुल आय में 54.9 फीसदी का योगदान करती हैं।

पिछले 12 वर्षों में कंपनियों के लाभ में वैश्विक गिरावट के बावजूद अहम बाजारों में BFSI फर्मों ने इस ट्रेंड को चुनौती दी है। यह कंपनियों के कुल लाभ में BFSI क्षेत्र के योगदान में तीव्र बढ़ोतरी के कारण हुआ है। चीन इस ट्रेंड का अपवाद है, जहां BFSI और गैर-BFSI फर्मों ने अमेरिकी डॉलर के लिहाज से कुल शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की है। भारत भी इस मामले में अलग है, जहां BFSI और गैर-BFSI क्षेत्रों की आय में सकारात्मक वृद्धि हुई है।

पिछले 12 महीने में भारत में कंपनियों की आय में BFSI क्षेत्र का योगदान एक साल पहले के 25.5 फीसदी के मुकाबले 930 आधार अंक बढ़ा है। दक्षिण कोरिया (BFSI लाभ हिस्सेदारी में 1,279 आधार अंकों का इजाफा) और पश्चिमी यूरोप (980 आधार अंक ज्यादा) के बाद यह तीसरी सबसे तेज बढ़ोतरी है।

इसकी तुलना में जापान में BFSI लाभ की हिस्सेदारी 610 आधार अंक बढ़ी है, यूके में 490 आधार अंक और अमेरिका में 480 आधार अंक बढ़ी है। चीन में BFSI फर्मों ने अपनी लाभ हिस्सेदारी में न्यूनतम 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी है।

यह विश्लेषण सूचीबद्ध फर्मों के पिछले 12 महीने के लाभ-हानि के आंकड़ों पर आधारित है, जो अहम अर्थव्यवस्थाओं में व्यापक आधारित इक्विटी सूचकांकों का हिस्सा हैं।

मौजूदा साल का लाभ हानि का आंकड़ा सितंबर तक का है, वहीं पिछले साल आंकड़ा सितंबर 2022 तक का है। ये सभी आंकड़े ब्लूमबर्ग से लिए गए हैं। BFSI क्षेत्र के आंकड़ों में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) शामिल नहीं है।

विशेषज्ञ BFSI क्षेत्र की आय में वैश्विक स्तर पर बढ़ोतरी की वजह उच्च उधारी दर और लोनबुक में हुई वृद्धि को बता रहे हैं। फिच रेटिंग्स के विश्लेषकों ने कहा, कर्ज जारी करने वाले 100 सबसे बड़े विकसित बाजारों के बैंकों (डीएम 100) के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 23 की पहली छमाही में राजस्व में मजबूत वृद्धि हुई है, जिसे शुद्ध ब्याज आय में लगातार हो रही बढ़त से सहारा मिला है।

2022 में कुल मिलाकर स्थिर बने रहने के बाद शुल्क आय ने जोर पकड़ा और अन्य आय ने भी राजस्व वृद्धि को सहारा दिया, जो 2022 में गिरा था। कुल मिलाकर शुद्ध ब्याज आय ने डीएम 100 बैंकों के राजस्व में कैलेंडर वर्ष 23 की पहली छमाही में 61 फीसदी का योगदान किया।

पिछले 12 महीने में आय वृद्धि के लिहाज से भारत में BFSI कंपनियां वैश्विक स्तर पर सबसे उम्दा प्रदर्शन करने वालों में शामिल रही, वहीं उनके चीनी समकक्ष पिछड़ गए और आय में गिरावट दर्ज की। बीएसई 500 इंडेक्स का हिस्सा रही 84 BFSI फर्मों का संयुक्त शुद्ध लाभ इस साल सितंबर में समाप्त पिछले 12 महीने की अवधि में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से 41 फीसदी बढ़कर 48.7 अरब डॉलर पर पहुंच गई, जो एक साल पहले 34.5 अरब डॉलर रही थी।

इसकी तुलना में चीन की BFSI फर्मों का शुद्ध लाभ इस अवधि में 7.7 फीसदी घटकर 326 अरब डॉलर रहा। जापान के बैंकों ने शुद्ध लाभ में इस अवधि में सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज की और यह 25.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 10 अरब डॉलर रहा था।

भारत का BFSI क्षेत्र हालांकि अमेरिका, चीन और पश्चिम यूरोप की समकक्ष कंपनियों के मुकाबले राजस्व व लाभ के मामले में छोटा है।

First Published : December 1, 2023 | 10:20 PM IST