सर्वोच्च न्यायालय ने अदानी समूह के 7,400 करोड़ रुपये के मुंद्रा पोर्ट और विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को विकसित करने के खिलाफ खुद के दिए स्थगनादेश को बुधवार को खारिज कर दिया।
न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने 1 जुलाई को यह स्थगनादेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की अगुवाई वाली पीठ ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश वापस ले लिया। पीठ ने परियोजना का विरोध कर रहे लोगों से गुजरात उच्च न्यायालय में जाने को कहा। वहां 18 जुलाई को सुनवाई होनी है। न्यायालय ने केवल अदानी समूह से कहा कि वह भराव नहीं करें।
मछुआरों की याचिका में कहा गया था कि इस परियोजना से उनके जीवनयापन पर असर पड़ेगा। इस अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने उस भूमि पर हो रही तमाम गतिविधियों के संबंध में विभिन्न पक्षों को यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया था।