इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने कहा है कि उड़ानों में बढ़ोतरी, नई विमानन कंपनी का साल 2022 में आगाज और एयर इंडिया से बकाया वसूली के साथ उसके विमानन कारोबार का परिदृश्य सकारात्मक है।
देश की सबसे बड़ी र्ईंधन रिटेलर ने एक बयान में कहा, एयरलाइन ऑपरेटरों ने आईओसी का सारा बकाया चुका दिया है और अब वे तय शर्तों के अधीन हैं। एयर इंडिया ने भी तेल विपणन कंपनियों को 80 फीसदी से ज्यादा बकाया चुका दिया है। आईओसी को एयर इंडिया से 2,281 करोड़ रुपये मिले हैं। बाकी बची रकम के निपटान की प्रक्रिया चल रही है और एयर इंडिया को टाटा को सौंपे जाना है लिहाजा इस पर काम चल रहा है।
एयर इंडिया रोजाना तेल का भुगतान कर रही है लेकिन पिछला बकाया वर्षों से लंबित था। साल 2019 में तेल विपणन कंपनियों ने छह एयरपोर्ट पर विमानन कंपनी को थोड़े समय तक तेल नहींं दिया था। र्ईंधन की आपूर्ति तब बहाल हुई जब एयरलाइन पिछला बकाया चुकाने के लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये देने पर सहमत हुआ।
समझा जाता है कि एयर इंडिया ने सरकार से रकम मिलने के बाद इस महीने 80 फीसदी से ज्यादा बकाए का निपटान कर दिया है। आईओसी ने कहा कि मौजूदा एटीएफ वॉल्यूम कोविड पूर्व स्तर के 80 फीसदी पर पहुंच गया है और कारोबार का परिदृश्य सकारात्मक है।
कंपनी ने कहा है कि हवाई परिवहन में बढ़ोतरी, भारत में बेड़े में हो रहा इजाफा, नए एयरपोर्ट खुलने और नई कंपनी आकाश का प्रवेश और जेट एयरवेज के दोबारा पटरी पर आने को देखते हुए विमानन कारोबार का परिदृश्य सकारात्मक और आशावादी नजर आ रहा है।
आईओसी के मुताबिक, एटीएफ वॉल्यूम में अप्रैल-नवंबर के दौरान सुधार कोविड पूर्व के स्तर का 57 फीसदी था और उम्मीद है कि यह कोविड पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगा जब अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों का परिचालन सामान्य हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान 31 दिसंबर तक निलंबित है क्योंकि ओमीक्रोन का खतरा बढ़ रहा है। नागरिक विमानन मंत्रालय ने 15 दिसंबर से इसे बहाल करने की इजाजत दी थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से की गई समीक्षा के बाद इस फैसले पर रोक लगा दी गई है।
तय अंतरराष्ट्रीय उड़ान 23 मार्च 2020 से निलंबित है क्योंकि कोरोना के प्रसार के कारण तब लॉकडाउन हो गया था। जुलाई 2020 से भारत ने हालांकि विभिन्न देशों से करार किया ताकि अंतरराष्ट्रीय उड़ान बहाल किया जा सके।
रविवार को 611 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन भारत से व भारत के लिए हुआ, जो 2019 के जाड़े के सीजन के लिए मंजूर उड़ानों का करीब 50 फीसदी है।
