जर्मनी की वाहन विनिर्माता ऑडी इंडिया ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े व्यवधानों का सफलतापूर्वक समाधान कर लिया है, जिस कारण पिछले साल वाहन उद्योग पर असर पड़ा था। कंपनी अब वाहनों की बेहतर उपलब्धता, नई पेशकश और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के साथ वृद्धि तलाश रही है।
हाल ही में एक चर्चा के दौरान कंपनी ने पुष्टि की है कि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण पहले वाहनों की उपलब्धता पर असर पड़ रहा था, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लन ने कहा, ‘पिछले साल के शुरुआती छह महीने आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के कारण चुनौती भरे रहे। इस कारण की वृद्धि कम हुई थी। मगर अब हमें यह साल दमदार रहने की संभावना है। अब हमारी आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह सामान्य हो गई है।’
स्थिति सामान्य होने के बाद ऑडी अब भारतीय बाजारों के लिए अपनी महत्त्वाकांक्षी योजनाओं पर ध्यान दे सकेगी, जिसका उद्देश्य बाजार में पैठ बढ़ाना और बिक्री बढ़ाना है।
ढिल्लन को उम्मीद है कि इस साल लक्जरी कार उद्योग 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ेगा और बाजार में करीब 55,000 लक्जरी गाड़ियां हो जाएंगी। साथ ही उन्हें लगता है कि ऑडी भी इसी गति से आगे बढ़ेगी। उन्होंने नए मॉडलों की पेशकश की ओर इशारा किया है, लेकिन वे कौन सी गाड़ियां होंगी इस पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने पुष्टि की है कि अभी और वाहन पेश होने वाले हैं।
फिलहाल ऑडी के भारतीय परिचालन में 90 फीसदी वाहनों को स्थानीय स्तर पर असेंबल किया जाता है और शेष पूरी तरह से तैयार गाड़ियां (एफबीयू) होती हैं। कंपनी का विनिर्माण संयंत्र अभी से ही क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार है। फिलहाल यहां एक शिफ्ट में परिचालन किया जाता है, लेकिन मांग बढ़ने पर इसके कई शिफ्टों में काम करने की क्षमता है।
ऑडी की रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में प्रवेश करना है। ढिल्लन ने इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी वृद्धि को सिरे से नकारते हुए कहा, ‘इसमें कोई गिरावट नहीं है। हम अभी भी भारत में और अधिक मॉडल लाने पर काम कर रहे हैं।’ हालांकि, उन्होंने यह माना कि ईवी मॉडलों की कीमत 1.20 करोड़ रुपये से ज्यादा है, लेकिन संकेत दिया कि आने वाले समय में और भी किफायती मॉडल पेश किए जाने हैं।
उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में ईवी मॉडल और कीमतों के लिहाज से मेरे पास आपके लिए कुछ जरूरी खबरें रहेंगी।’ ऑडी का मानना है कि साल 2030 तक लग्जरी कार बाजार में ईवी की हिस्सेदारी 30 फीसदी होगी और ऑडी भी इसी अनुपात में हिस्सेदारी हासिल करने का इरादा रखती है।