इनपुट लागत में कमी और सजावटी पेंट की मजबूत मांग के बीच भारतीय पेंट निर्माता एशियन पेंट्स लिमिटेड (Asian paints) ने गुरुवार को चौथी तिमाही के लाभ में 45 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की। मुंबई स्थित कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त तिमाही पर 12.34 अरब रुपये (150.9 मिलियन डॉलर) पर आ गया, जबकि एक साल पहले यह 8.5 अरब रुपये था, जिसमें 1.16 अरब रुपये का खर्च शामिल था।
एशियन पेंट्स (Asian paints) के उत्पादों को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे तेल की कीमत 2022 में बहुत अधिक थी, जो 139.13 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। इसकी वजह से एशियन पेंट्स (Asian paints) के कच्चे माल की लागत में 21 फीसदी से अधिक की वृद्धि हो गई थी। हालांकि, अब कच्चे तेल की कीमत नीचे चली गई है जिससे कंपनी मुनाफे की राह पर लौट आई है। चौथी तिमाही के दौरान, कंपनी द्वारा कच्चे माल पर किए जाने वाले खर्च में लगभग 5 फीसदी की कमी आई।
विश्लेषकों का कहना है कि गर्मियां जल्दी शुरू होने के कारण पेंट कंपनियां अक्टूबर-दिसंबर के दौरान कम बिक्री की भरपाई करने में कामयाब रहीं। गौर करने वाली बात है कि अक्टूबर-दिसंबर में बारिश की वजह से पेंट कंपनियों की सेल पर असर पड़ा था। ऑपरेशन से कंपनी की आमदनी 11 फीसदी बढ़कर 87.87 अरब रुपये हो गई।
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अमित सिंगल, मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक, ने कहा कि कंपनी पिछले वर्ष की तुलना में अपने लाभ मार्जिन में सुधार करने में कामयाब रही है। क्योंकि इस दौरान उन्होंने मटेरियल को कैसे तैयार करके भेजते हैं उसमें सुधार किया है। साथ ही कच्चे माल की कीमतें घटने से भी मदद मिली है
एशियन पेंट्स (Asian paints) भारतीय पेंट्स उद्योग में एक प्रमुख कंपनी है, जिसकी लगभग आधी बाजार हिस्सेदारी है। इनका रेवेन्यू ज्यादातर डेकोरेटिव पेंट सेगमेंट से आता है। वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद, एशियन पेंट्स (Asian paints) के शेयरों में लगभग 3 फीसदी की वृद्धि हुई। कंपनी ने प्रति शेयर 21.25 भारतीय रुपये के फाइनल डिविडेंड की भी घोषणा की। एक अलग घोषणा में, एशियन पेंट्स के एक छोटे प्रतियोगी कंसाई नेरोलैक ने अपने तिमाही लाभ में बढ़िया वृद्धि दर्ज की, जो पिछली तिमाही की तुलना में लगभग चार गुना है।