निर्यात बिक्री की बढ़ती हिस्सेदारी से प्रेरित होकर हिंदुजा समूह की प्रमुख भारतीय कंपनी अशोक लीलैंड सऊदी अरब में नई विनिर्माण इकाई के साथ पश्चिम एशिया में मौजूदगी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी इस क्षेत्र में नई इकाई लगाने के अंतिम चरण में है। इसमें इलेक्ट्रिक बसें, हल्के ट्रक और पारंपरिक वाहन असेंबल होंगे।
हालांकि आरंभिक स्तर पर यहां असेंबली इकाई के रूप में शुरुआत करने की योजना है। लेकिन मांग के आधार पर आगे चलकर स्थानीय रूप से विनिर्माण की दिशा में बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि साल 2025-26 कंपनी के निर्यात के लिए सबसे अच्छा होने वाला है।
यह ऐसे समय किया जा रहा है, जब वित्त वर्ष 2025 के दौरान निर्यात में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत का भारी इजाफा देखा गया और यह बढ़कर 15,255 वाहन तक पहुंच गया। कंपनी सूत्रों के अनुसार इसमें से लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) क्षेत्र की रही। इस सफलता के अलावा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान निर्यात की मात्रा में 29 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ जबकि समूचे वाणिज्यिक वाहन उद्योग सपाट वृद्धि देख रहा है।
हिंदुजा ने कहा, ‘हम पश्चिम एशिया में एक और इकाई की संभावना को लेकर अंतिम चरण में हैं। पश्चिम एशिया में, खास तौर पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब के बाजारों में संख्या असाधारण रूप से बेहतर तरीके से बढ़ रही है। हम सऊदी अरब को अशोक लीलैंड के नए गंतव्य के रूप में देखना चाह रहे हैं।’
दिलचस्प बात यह है कि पश्चिम एशिया की ओर यह आक्रामक कदम ऐसे समय उठाया जा रह है, जब कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहन शाखा स्विच मोबिलिटी ने इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन में अपनी शेरबर्न इकाई बंद करने का ऐलान किया है। पश्चिम एशिया में यह कंपनी की दूसरी इकाई होगी। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमाह में बसों और ट्रकों के लिए साल 2009 में असेंबली इकाई शुरू की गई थी।
अशोक लीलैंड के मुख्य वित्तीय अधिकारी बालाजी केएम ने कहा, ‘इस क्षेत्र में हमारा संयंत्र पहले ही करीब पूरी क्षमता पर काम कर रहा है। उसमें सालाना 6,000 से अधिक वाहन बनाने की क्षमता है। इसलिए हम नया संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।’