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बोर्ड में जगह नहीं मिली तो एनसीएलटी पहुंचीं अरुणाचलम

Last Updated- December 12, 2022 | 7:12 AM IST

मुरुगप्पा समूह के कार्यकारी चेयरमैन एम वी मुरुगप्पन की बड़ी बेटी वल्ली अरुणाचलम और उनकी फैमिली ने नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के चेन्नई पीठ का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि 38,000 करोड़ रुपये वाले समूह की मूल कंपनी अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के खिलाफ उत्पीडऩ व कुप्रबंधन मामले में 10 फीसदी की न्यूनतम शेयरधारिता से छूट दी जाए।
एनसीएलटी ने प्रतिवादी को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया और अब अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
अरुणाचलम के वकील पी एस रमन ने कहा कि अंबाडी में फैमिली की हिस्सेदारी 8.21 फीसदी है और कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 241 के मुताबिक उसमें 1.79 फीसदी की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीएलटी के नई दिल्ली पीठ ने साइरस मिस्त्री की कुछ निश्चित फर्मों को टाटा संस के खिलाफ मामला दायर करने के लिए न्यूनतम अनिवार्यता से छूट दी थी।
मुख्य आरोप यह है कि मुरुगप्पा समूह में लैंंगिक विभेद का इतिहास है। रमन ने कहा कि वी. अरुणाचलम फैमिली की मांग कंपनी के कामकाज में समान प्रतिनिधित्व की है, जिससे इनकार किया गया है। कुछ साल पहले उनके पिता की मृत्यु के बाद से ही इससे इनकार किया जाता रहा है।
रमन ने सुनवाई के दौरान कहा, मुरुगपप्पन परिवार के एकमात्र सदस्य हैं, जिनके पास पुरुष वारिस नहीं है। हम लैंंगिक विभेद का गंभीर आरोप लगा  रहे हैं। जब अरुणाचलम का नाम निदेशक मंडल में शामिल करने के लिए प्रस्तावित किया गया तो जबाव था कि वह पात्र नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्य याचिका में कंपनी अधिनियम की धारा 242 (2बी) के तहत उनकी हिस्सेदारी की उचित खरीदारी की भी मांग की गई है।
21 सितंबर, 2020 को अबाडी इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शेयरधारकों मोटे तौर पर चाचाओं व वी. अरुणाचलम के चचेरे भाइयों ने बोर्ड में उनकी नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया था। अरुणाचलम बोर्ड में अपने पिता की वारिस के तौर पर शामिल किए जाने के लिए संघर्ष कर रही है। सिर्फ 8.64 फीसदी मत ही इस प्रस्ताव के हक में आए, वहीं 91.36 फीसदी मत इसके खिलाफ आए।
अरुणाचलम का आरोप है कि समूह के प्रवर्तक फैमिली बिजनेस में महिलाओं के शामिल होने का विरोध करते हैं, ऐसे में उसे और उसकी बहन को पिता के देहांत के बाद अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स के निदेशक मंडल में जगह नहीं दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार का अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स के निदेशक मंडल में प्रतिनिधित्व नहीं है। अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स के निदेशक मंडल में आठों पुरुष हैं।

First Published - March 10, 2021 | 11:52 PM IST

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