facebookmetapixel
नया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदेंYear Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीतिGold–Silver Outlook 2026: सोना ₹1.60 लाख और चांदी ₹2.75 लाख तक जाएगीMotilal Oswal 2026 stock picks: नए साल में कमाई का मौका! मोतीलाल ओसवाल ने बताए 10 शेयर, 46% तक रिटर्न का मौकाYear Ender: 2025 में चुनौतियों के बीच चमका शेयर बाजार, निवेशकों की संपत्ति ₹30.20 लाख करोड़ बढ़ीYear Ender: 2025 में RBI ने अर्थव्यवस्था को दिया बूस्ट — चार बार रेट कट, बैंकों को राहत, ग्रोथ को सपोर्टPAN-Aadhaar लिंक करने की कल है आखिरी तारीख, चूकने पर भरना होगा जुर्माना2026 में मिड-सेगमेंट बनेगा हाउसिंग मार्केट की रीढ़, प्रीमियम सेगमेंट में स्थिरता के संकेतYear Ender 2025: IPO बाजार में सुपरहिट रहे ये 5 इश्यू, निवेशकों को मिला 75% तक लिस्टिंग गेन

भारत से निर्यात को बढ़ावा देगी ऐपल

Last Updated- December 15, 2022 | 4:01 AM IST

मोबाइल फोन बनाने वाली अमेरिका की दिग्गज कंपनी ऐपल ने भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। उम्मीद है कि ऐपल अगले पांच वर्षों में भारत में 29 अरब डॉलर मूल्य के मोबाइल हैंडसेट तैयार कर सकती है। कंपनी
उत्पाद आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई ) की शर्तों के अनुरूप प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाएगी। इनमें ज्यादातर ऐपल फोन निर्यात किए जाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि भारत में विनिर्माण व्यापक स्तर पर शुरू करने से कंपनी को चीन पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। इस समय ऐपल के 95 प्रतिशत मोबाइल हैंडसेट चीन के विनिर्माण संयंत्रों में तैयार होते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि पांच वर्ष बाद दुनिया में कंपनी के तैयार कुल मोबाइल हैंडसेट में भारत की हिस्सेदारी 10-15 प्रतिशत के बीच रह सकती है। बकौल विश्लेषक, अगर किसी तरह की बाधा नहीं आई भारत में कंपनी 40 अरब डॉलर मूल्य तक के हैंडसेट का उत्पादन कर सकती है।
भारत में मोबाइल फोन विनिर्माण योजना के संबंध में भेजे ई-मेल का ऐपल के प्रवक्ता ने जवाब नहीं दिया। ऐपल के लिए मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली इकाइयां विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन भारत में पहले से ही ऐपल फोन बना रही हैं और अब तीसरी इकाई पेगाट्रॉन भी संयंत्र स्थापित करने जा रही है। इन तीनों इकाइयों ने पीएलआई येाजना के तहत व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने के लिए सरकार को आवेदन सौंपे हैं। पीएलआई योजना के तहत उन कंपनियों को 4-6 प्रतिशत का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है, जो विनिर्माण एवं निर्यात के लिए भारत में एक वैश्विक केंद्र स्थापित करना चाहती हैं। इस योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी।
ऐपल पर नजर रखने वाले विलश्ेषकों का कहना है कि कंपनी भारत में धीरे-धीरे अपनी रफ्तार बढ़ाएगी। विश्लेषकों ने कहा कि पेगाट्रॉन भारत के लिहाज से नई कंपनी है, इसलिए उसे संयंत्र स्थापित करने में थोड़ा समय लगेगा। पेगाट्रॉन ने हाल में ही भारत में अपनी अनुषंगी इकाई पंजीकृत कराई है और संयंत्र स्थापित करने के लिए यह जमीन तलाश रही है।
पहले वर्ष ऐपल की रफ्तार सुस्त रहेगी, लेकिन विश्लेषकों के अनुसार पीएलआई की शर्तें पूरी करने के लिए यह तीसरे वर्ष से यह मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन तेज कर देगी। विश्लेषकों का अनुमान है कि चीन से सालाना 50-60 अरब डॉलर मूल्य के ऐपल फोन का निर्यात होता है। भारत में सालाना औसत 6 अबर डॉलर उत्पादन मूल्य के हिसाब से कंपनी के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत होगी। विश्लेषकों का कहना कि इस मुहिम से भारत में कुल 2.4 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हो सकते हैं।
पीएलआई योजना में दक्षिण कोरिया की मोबाइल विनिर्माता कंपनी सैमसंग को भी आकर्षित किया है। कंपनी ने अपने एक मोबाइल संयंत्र के लिए 5,000 करोड़ रुपये निवेश किए हैं, जिससे भारत में कंपनी की क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए वैश्विक कंपनियों को 200 डॉलर से अधिक उत्पादन मूल्य का मोबाइल फोन बनाना होगा। ऐपल के फोन इस शर्त का पालन करते हैं। विश्लेषकों के अनुसार ऐपल अमेरिका में 15 लाख से अधिक फोन बेचती है। भारत के स्मार्टफोन बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी बहुत ही कम है, जहां सालाना 15 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन की बिक्री होती है।

First Published - August 2, 2020 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट