बायजू (Byju’s) के ऋणदाताओं ने ग्रेट लर्निंग एजुकेशन पीटीई (Great Learning Education Pte) और एडटेक फर्म की सिंगापुर इकाई बायजू पीटीई लिमिटेड (Singapore entity Byju’s Pte. Ltd) में संपत्ति की सुरक्षा के लिए रिस्क एडवायजरी फर्म क्रोल (Kroll) को नियुक्त किया है।
लेंडर्स को इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कंपनी इसे बेचने वाली थी जबकि लोन डिफ़ॉल्ट होने की स्थिती में लेंडर्स इन एसेट्स को सीज कर सकते है।
ग्रेट लर्निंग और बायजू की सिंगापुर इकाई को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी क्रोल को मिलने से ग्रेट लर्निंग के बिक्री की संभावनाओं पर विराम लगा दिया है।
बायजू ने करीब दो साल पहले लिए गए 120 करोड़ डॉलर के टर्म लोन को चुकाने के लिए इसकी बिक्री की भी योजना बनाई थी।
Byju’s के लिए बड़ा झटका
एडवायजरी फर्म को नियुक्त करना बायजू के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि ग्रेट लर्निंग और बुक रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक को बेचकर कंपनी 80-100 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रही थी।
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कंपनी टर्म लोन बी को चुकता करने के लिए यह बिक्री करने की योजना बना रही थी। कंपनी ने इस साल सितंबर में लेंडर्स को 6 महीने के अंदर पूरा लोन चुकाने का प्रस्ताव भी भेजा था, जिसमें कंपनी दिसंबर 2023 तक 30 करोड़ डॉलर का एकमुश्त पेमेंट करती।
यह नियुक्ति BYJU के अल्फा इंक के सुरक्षित लेनदारों की ओर से की गई थी, जो कि BYJU के अल्फा इंक द्वारा डिफ़ॉल्ट के बाद उनके सुरक्षा अधिकारों के सुरक्षित उधारदाताओं के अभ्यास के हिस्से के रूप में की गई थी।
Kroll का क्या होगा काम
क्रोल की सिंगापुर इकाई के प्रमुख जेसन अलेक्जेंडर करदाची (Jason Aleksander Kardachi) और रीस्ट्रक्चरिंग के वैश्विक उपप्रमुख कोसिमो बोरेल्ली (Cosimo Borrelli) को ग्रेट लर्निंग एडुकेशन और बायजू की सिंगापुर यूनिट को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रिस्क एडवायजरी फर्म ने 11 अक्टूबर को इसको लेकर एक बयान भी जारी किया।
क्रोल का मुख्य फोकस बायजू के एसेट्स और कारोबार को सुरक्षित रखना है। इसके अलावा,क्रोल ने कहा कि एडवायजरी फर्म को इसका जिम्मा सौंपने से कंपनी के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही बायजू के सभी कोर्सेज और प्रोग्राम पहले की तरह ही जारी रहेंगे।
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लेंडर्स ने बायजू पर लगाया था आरोप
भारत की दिग्गज एडुटेक कंपनी बायजू पर लेंडर्स ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने कथित तौर पर तीन साल पुराने एक अनजान हेज फंड में 53.3 करोड़ डॉलर छिपाए थे।
मियामी-डेड काउंटी (Miami-Dade County)अदालत की फाइलिंग में लेंडर्स ने तर्क दिया था, “लेनदारों को बाधा पहुंचाने और देरी करने के स्वीकृत उद्देश्य के लिए बायजू ने उधारकर्ता के 533 मिलियन डॉलर के ठिकाने को छिपाने के लिए काफी प्रयास किए हैं।”