डीएलएफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) यानी घरेलू क्रिकेट के हिंदुस्तानी मेले में जब भी आप तीसरे अंपायर के फैसले पर टकटकी लगाएंगे, किंगफिशर आपकी निगाहों के सामने होगी।
दरअसल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के इस ट्वंटी-20 टूर्नामेंट के लिए अंपायर पार्टनर का अधिकार किंगफिशर एयरलाइंस को हासिल हो गया है। कंपनी ने इसके लिए 106 करोड़ रुपये की रकम दी है और 5 साल तक यह अधिकार उसी के पास रहेगा।इस अधिकार के तहत अंपायरों के कपड़ों पर किंगफिशर एयरलाइंस का ही लोगो होगा। तीसरे अंपायर के सभी फैसलों को भी यही कंपनी प्रायोजित करेगी। आईपीएल 18 अप्रैल से शुरू हो रही है। उसमें 59 मैच होंगे।
डीएलएफ आईपीएल के चेयरमैन और आयुक्त ललित मोदी ने इस समझौते पर मुहर लगाते हुए कहा, ‘किंगफिशर एयरलाइंस का घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर कई खेलों के साथ गहरा ताल्लुक रहा है। इनमें टेनिस, फॉर्मुला 1, पोलो शामिल हैं। अब इस फेहरिस्त में क्रिकेट भी जुड़ गया है।’
किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय माल्या ने कहा, ‘डीएलएफ इंडियन प्रीमियर लीग में किंगफिशर का अंपायर प्रायोजक बनना अच्छी बात है। खेलों के मामले में हम किंगफिशर एयरलाइंस को ब्रांड बनाना चाहते हैं। आईपीएल से क्रिकेट की शोहरत बहुत बढ़ेगी। हम आईपीएल में अंपायरों की प्रतिष्ठा बरकरार रखेंगे, लेकिन उन्हें नई रंगत देंगे।’
माल्या के यूनाइटेड ब्रेवरीज समूह के पास आईपीएल की बेंगलुरु टीम के मालिकाना अधिकार भी हैं। इस टीम का नाम ‘रॉयल चैलेंजर्स ऑफ बैंगलोर’ रखा गया है। माल्या ने दस साल के इस अधिकार के लिए तकरीबन 447 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम दी है। इस मामले में उनकी दूसरी सबसे बड़ी बोली रही। सबसे बड़ी बोली मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रही, जिसने मुंबई की टीम को खरीदा।