सर्वोच्च अदालत पहुंची एमेजॉन

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:27 AM IST

अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन ने रिलायंस के साथ फ्यूचर ग्रुप का 24,713 करोड़ रुपये का सौदा रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। सूत्रों ने कहा कि यह कदम हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उठाया गया, जिसमें रिलायंस-फ्यूचर सौदे पर यथास्थिति बनाए रखने के एकल न्यायाधीश के फैसले को रोकते हुए कहा गया था कि वैधानिक अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करने से रोका नहीं जा सकता है।
अब एमेजॉन ने इस मामले में फ्यूचर के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इस बारे में पक्ष जानने के लिए फ्यूचर और एमेजॉन को ईमेल किया गया लेकिन उनका जवाब नहीं आया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की ओर से दायर एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली तत्काल याचिका पर सुनवाई करते हुए फ्यूचर-रिलायंस रिटेल के बीच 24,713 करोड़ रुपये के कारोबार अधिग्रहण के सौदे के संबंध में एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस सौदे को पहले ही भारतीय प्रतिस्पद्र्घा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मिल चुकी है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा सरकार ने कोई आपत्ति नहीं की है है।
पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और बाजार नियामक सेबी जैसे सांविधिक निकायों को सौदे के संबंध में कानून के अनुसार आगे बढऩे से रोका नहीं जा सकता है।
पीठ ने एमेजॉन को भी नोटिस जारी किया और 26 फरवरी तक फ्यूचर रिटेल की अपील पर उसका पक्ष मांगा। उसके बाद इस मामले में रोजाना सुनवाई की जाएगी।
पिछले महीने एमेजॉन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट के आपात आदेश को लागू कराने की मांग की थी, साथ ही कहा था कि फ्यूचर रिटेल और रिलायंस को प्रस्तावित सौदे पर आगे बढऩे से रोका जाए।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मिधा ने फ्यूचर रिटेल और अन्य पक्षों को अगले आदेश तक सौदे पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
एमेजॉन और फ्यूचर लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रही है। इससे पहले अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने फ्यूचर समूह को सिंगापुर मध्यस्थता पंचाट में घसीट लिया था। उसने तर्क दिया था कि फ्यूचर उसके साथ किए गए अनुबंध का उल्लंघन करते हुए प्रतिस्पद्र्घी कंपनी रिलायंस के साथ सौदा कर रही है। मध्यस्थता पंचाट ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला दिया था।
एमेजॉन ने फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स में अगस्त 2019 को निवेश किया था। इस सौदे में यह विकल्प था कि एमेजॉन तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल में हिस्सा खरीद सकती है।
पिछले साल अगस्त में फ्यूचर समूह ने अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ अपनी रिटेल इकाई बेचने का करार कर लिया। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपये का है।

First Published : February 11, 2021 | 11:38 PM IST