ऐसे समय में जब बैटरी उद्योग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर बड़ा दांव लगा रहा है, तब 12 हजार करोड़ रुपये वाला अमर राजा ग्रुप (Amara raja group) लेड-एसिड बैटरी खंड में मौजूदगी बढ़ाने के लिए कमर कस रहा है।
यह अधिग्रहण और क्षमता विस्तार के जरिये पश्चिम एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका में अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ाकर और बाजार में मौजूदगी का विस्तार करने की योजना बना रहा है।
कंपनी ने लेड एसिड खंड में बिक्री को पांच साल के दौरान मौजूदा 1.2 अरब डॉलर से 150 प्रतिशत बढ़ाकर तीन अरब डॉलर करने की कार्य योजना तैयार की है। अमर राजा के पास भारत में दूसरा सबसे बड़ा लेड-एसिड बैटरी ब्रांड अमरॉन है और वैश्विक स्तर पर लगभग 2.5 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती है।
कंपनी ने लिथियम सेल और बैटरी पैक मैन्युफैक्चरिंग गीगा फैक्टरी की स्थापना तेलंगाना में की है और इसके जरिये इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की योजना का भी खाका खींचा है। कंपनी ने पहले कहा था कि वह तेलंगाना में आरऐंडडी की स्थापना और लिथियम आयन बैटरी के लिए ग्रीनफील्ड विनिर्माण केंद्र पर पर अगले 10 साल में 9,500 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है।
कंपनी की 80 देशों में कारोबार फैलाने की योजना
अमर राजा के कार्यकारी निदेशक हर्षवर्धन गोरीनेनी ने कहा, ऑटोमोटिव व इंडस्ट्रियल कारोबार के कुल राजस्व में करीब 12 फीसदी अंतरराष्ट्रीय कारोबार से हासिल होता है। हम 50 से ज्यादा देशों में हैं और हमारी योजना वित्त वर्ष 28 तक इसे बढ़ाकर 80 करने की योजना है। हम दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी अफ्रीका में संकेंद्रित होना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी ब्राउनफील्ड विस्तार में आशावादी तरीके पर विचार कर रही है और मुख्य रूप से पश्चिम एशिया पर नजर है। पश्चिम एशिया में भारतीय बैटरी विनिर्माताओं पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगती है।
वित्त वर्ष 22-23 में कंपनी की परिचालन आय 19 फीसदी बढ़कर 10,386 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। कंपनी ने ऑटोमोटिव बैटरीज व इंडस्ट्रियल बैटरीज के वॉल्यूम में क्रमश: करीब 13 फीसदी व 12 फीसदी की मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर व लिथियम बैटरी पैक से राजस्व तीन गुना बढ़ गया।