facebookmetapixel
51% उछला सोना, सिर्फ 6% बढ़े शेयर! ब्रोकरेज ने बताया अब कहां पैसा लगाने पर मिलेगा बेहतर रिटर्नचीन को टक्कर दे रहा भारत का ये फाउंडर! IPO से पहले पीयूष बंसल बोले – अभी तो शुरुआत हैCJI गवई ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश कीSIP में पैसा डालते-डालते थक गए? वैल्यू रिसर्च ने बताया क्यों नहीं बढ़ रहा आपका पैसा20 से 25 लाख तक ग्रेच्युटी बढ़ी! जानें किन्हें मिलेगी बढ़ी हुई ग्रेच्युटी? केंद्र ने दूर किया सभी भ्रमNBFCs के लिए टू-व्हीलर फाइनेंस सेक्टर में 18-19% ग्रोथ की उम्मीद, प्रीमियम बाइक की मांग बढ़ी: रिपोर्टRBI दिसंबर में देगा तोहफा? अर्थशास्त्रियों ने कहा – लोन होगा सस्ता, GDP ग्रोथ में आएगी और तेजीVodafone Idea को बड़ी राहत! SC ने केंद्र को दी AGR मामले की समीक्षा करने की छूट; शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई परLensKart IPO: 31 अक्टूबर को खुलेगा ₹7,278 करोड़ का आईपीओ, प्राइस बैंड ₹382-₹402 तय; जानिए हर डीटेलPMAY Online Registration: ऑनलाइन आवेदन शुरू, घर बनने की राह हुई आसान

Air India के CEO ने बता दिया, अगले 4-5 साल में क्या होंगी मुश्किलें

‘हमने 570 विमानों का ऑर्डर (पिछले दो साल में) दिया है। यह कहना उचित होगा कि हर जगह कुछ न कुछ कमी है।'

Last Updated- March 18, 2025 | 11:19 PM IST
Ahmedabad plane crash puts focus on repeated DGCA warnings to Air India

विमान विनिर्माता कंपनियों – एयरबस और बोइंग के सामने आ रही आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण विमानन कंपनियों को विमान आपूर्ति अगले चार से पांच साल तक सीमित रहेगी और विमानन कंपनियां उड़ान के अपने नेटवर्क विस्तार को दुरुस्त करने के अलावा ज्यादा कुछ नहीं कर सकती हैं। एयर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने आज यह जानकारी दी।

फिलहाल एयर इंडिया के बेड़े में करीब 210 विमान हैं। किफायती विमानन वाली इसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में करीब 90 विमान हैं। पिछले नवंबर में विल्सन ने संवाददाताओं को बताया था कि समूह के बेड़े में विमानों की संख्या अगले तीन साल में 300 से बढ़कर तकरीबन 400 हो सकती है। स्किफ्ट इंडिया फोरम 2025 को संबोधित करते हुए विल्सन ने आपूर्ति श्रृंखला की उन समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया, जिनकी वजह से विमानन कंपनियों को विमान की डिलिवरी में देर हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘हमने 570 विमानों का ऑर्डर (पिछले दो साल में) दिया है। यह कहना उचित होगा कि हर जगह कुछ न कुछ कमी है। नैरो बॉडी वाले विमानों के मामले में कमी वाली चीज इंजन है। वाइड बॉडी वाले विमानों के मामले में प्रथम और व्यावसायिक श्रेणी की सीटों की आपूर्ति के संबंध में कमी है और इसने हमारे रेट्रोफिट (विनिर्माण के बाद किया जाने वाला बदलाव) कार्यक्रम को भी प्रभावित किया है।’

उन्होंने कहा, ‘बोइंग और एयरबस दोनों को अपने विमानों की उत्पादन लाइन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे अपने आपूर्तिकर्ताओं से विमान के पुर्जे या हिस्से हासिल नहीं कर सकती हैं। इसलिए वास्तविकता यह है कि यह केवल भारत या एयर इंडिया का ही मामला नहीं है, बल्कि बाजार में आपूर्ति की बाधा होने जा रही है। मैं वैश्विक विमानन के बारे में बात कर रहा हूं। यह अगले चार से पांच साल तक बाधित आपूर्ति वाला बाजार बना रहेगा।’

First Published - March 18, 2025 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट