अपनी स्थिति को ‘बंधुआ मजदूरों’ के समान बताते हुए एयर इंडिया की दो पायलट यूनियनों ने गुरुवार को विस्तारा पायलटों के समर्थन में आवाज उठाई। विस्तारा के पायलटों ने संशोधित वेतन ढांचे के खिलाफ विरोध जताया था।
उड़ानें रद्द होने और विलंब की समस्या गहराने के बीच, विस्तारा के मुख्य कार्याधिकारी विनोद कन्नन ने बुधवार को यह स्वीकार किया कि एयरलाइन में चालकों का इस्तेमाल काफी बढ़ गया था, इसलिए उन्होंने अपने उड़ान कार्यक्रम को सावधानीपूर्वक कम करने और पायलटों को अधिक आराम का समय प्रदान करने के लिए रोस्टरिंग प्रणाली में सुधार करने की योजना की घोषणा की है।
इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने गुरुवार को टाटा संस चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को लिखे संयुक्त पत्र में कहा, ‘यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि विस्तारा पायलटों द्वारा व्यक्त की गई चिंताएं अलग-अलग घटनाएं नहीं हैं, बल्कि प्रणालीगत मुद्दों का संकेत हैं जो टाटा समूह की विभिन्न विमानन कंपनियों से जुड़ी हुई हैं।’
विस्तारा टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 भागीदारी वाला संयुक्त उपक्रम है। एयर इंडिया पर टाटा समूह का स्वामित्व है। विस्तारा को एयर इंडिया में विलय किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
दो यूनियनों का कहना है, ’70 घंटे के निर्धारित पारिश्रमिक, छुट्टियों की मंजूरी, आराम करने के लिए पर्याप्त अवधि, अस्थिर रोस्टर, पायलटों को अधिकतम उड़ान ड्यूटी तक काम करने, खराब रोस्टर प्रणालियों और प्रतिकूल कार्य परिवेश के मुद्दों को टाटा समूह की कई एयरलाइनों के पायलटों द्वारा लगातार दोहराया गया है।’
सोमवार और बुधवार के बीच, विस्तारा को 125 उड़ानें रद्द करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। इसकी मुख्य वजह यह सामने आई थी कि कुछ पायलट मार्च समाप्त होने से पहले अपनी सिक लीव का इस्तेमाल करना चाहते थे।