नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को एयर इंडिया के उड़ान सुरक्षा प्रमुख राजीव गुप्ता को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया। जुलाई में की गई जांच के दौरान कई खामियां पाए जाने की वजह से गुप्ता पर गाज गिरी है।
नियामक ने बयान जारी कर कहा है, ‘डीजीसीए द्वारा 25 और 26 जुलाई को किए गए निरीक्षण में कई अनियमितताएं पाई गईं।
निरीक्षण में दुर्घटना की रोकथाम संबंधी उपायों में कमी पाई गई और नागरिक उड्डयन जरूरतों एवं उड़ान सुरक्षा मैनुअल के अनुरूप पर्याप्त तकनीकी कर्मचारियों की उपलब्धता नहीं दिखी।’इसने कहा, ‘इसके अलावा यह भी पाया गया कि विमानन कंपनी द्वारा किए गए कुछ आंतरिक ऑडिट और स्पॉट जांच में भी लापरवाही बरती गई थी और यह नियामक जरूरतों के अनुरूप नहीं थी।’
जुलाई में निरीक्षण करने के बाद नियामक ने विमानन कंपनी से कार्रवाई रिपोर्ट भी देने को कहा था। एयर इंडिया के रिपोर्ट जारी करने के बाद नियामक ने संबंधित पद धारकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
बयान में कहा गया है, ‘ इस संबंध में मिले जवाब की समीक्षा के बाद विमानन कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह लापरवाही बरतने वाले उस ऑडिटर से आगे किसी भी तरह के ऑडिट, निरीक्षण या स्पॉट जांच नहीं कराए। इसके अलावा अनियमितताओं पर एयर इंडिया ने उड़ान सुरक्षा प्रमुख को भी एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है।’
डीजीसीए की कार्रवाई के बाद एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि विमानन कंपनी नियामक द्वारा बताई गई बातों को को स्वीकार करती है और प्रक्रिया और दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताओं का पूरी तरह से पालन करने में अपने ऑडिट कर्मचारियों में से एक की विफलता पर खेद जताती है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘एयर इंडिया की सर्वोच्च प्राथमिकता सुरक्षा है और हम एयर इंडिया के मानकों को बेहतर करने के लिए लोगों, प्रक्रियाओं और प्रणालियों में भारी निवेश कर रहे हैं। हम आवश्यकताओं को पूरा करने, प्रशिक्षण और सख्त परिणाम प्रबंधन के माध्यम से सुरक्षा और परिश्रम की संस्कृति को नए मानकों तक बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।’
पिछले दो महीनों में एयर इंडिया में सुरक्षा संबंधी दो बड़े उल्लंघन हुए हैं। पहला बार 25 और 26 जुलाई को कंपनी के गुरुग्राम स्थित मुख्यालय में नियामक की दो सदस्यीय जांच टीम ने अनियमितता पाई। दूसरी बार अगस्त में नियामक के निरीक्षण में एयर इंडिया के अनुमोदित प्रशिक्षण संगठन (एटीओ) लाइसेंस को निलंबित कर दिया था।
इससे इसके दोनों सिम्युलेटरों – मुंबई में बोइंग सिम्युलेटर और हैदराबाद में एयरबस सिम्युलेटर का परिचालन रुक गया। नियामक द्वारा मौके पर की गई जांच के दौरान सामने आई खामियों के चलते यह कार्रवाई की गई थी। नतीजतन डीजीसीए के हस्तक्षेप के बाद एयर इंडिया के पायलटों के लिए प्रमाणन और लाइसेंस नवीकरण प्रक्रियाओं को निलंबित कर दिया गया।