नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को एयर इंडिया पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) से जुड़े नियमों के उल्लंघन की वजह से एयरलाइन पर यह जुर्माना लगाया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि काम पर थकान के कारण होने वाली किसी भी घटना को रोकने के लिए पायलटों को पर्याप्त आराम मिले।
पिछले दो वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए जब टाटा समूह-संचालित एयरलाइन को नियामक के गुस्से का सामना करना पड़ा। उदाहरण के लिए, फरवरी में एक बुजुर्ग यात्री को दिल का दौरा पड़ने के बाद एयर इंडिया को डीजीसीए द्वारा लगाया गया 30 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। एयरइंडिया के व्हीलचेयर मुहैया न कराने पर बुजुर्ग यात्री को विमान से टर्मिनल तक पैदल ही जाना पड़ा जिसके कुछ मिनट बाद यह दुखद घटना हुई थी।
शुक्रवार को नियामक ने कहा कि उसने यह पता लगाने के लिए जनवरी में एयर इंडिया का ऑडिट कराया था कि क्या एयरलाइन एफडीटीएल और फटीग मैनेजमेंट सिस्टम (एफएमएस) से जुड़े नियमों का पालन कर रही है या नहीं। नियामक ने कई साक्ष्य जुटाए और बेड़े-वार रिपोर्टों का विश्लेषण किया।
नियामक ने कहा, ‘रिपोर्टों के विश्लेषण और साक्ष्यों से खुलासा हुआ कि एयर इंडिया ने 60 साल से अधिक उम्र के चालकों के साथ उड़ानें संचालित कीं, जो एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 के रूल 28ए के सब रूल (2)का उल्लंघन है।’ सब रूल (2) के अनुसार, एक उड़ान में दो पायलटों में से सिर्फ एक की उम्र ही 60 साल से ज्यादा हो सकती है।
डीजीसीए ने कहा, ‘एयर इंडिया को पर्याप्त साप्ताहिक आराम मुहैया नहीं कराने, लंबी दूरी वाली (यूएलआर) उड़ानों से पहले और बाद में पर्याप्त आराम नहीं देने का भी दोषी पाया गया था। यह एफडीटीएल से जुड़े सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) के प्रावधानों का उल्लंघन है।’