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स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विज्ञापन पैमानों की सबसे ज्यादा अनदेखी, अवैध विदेशी सट्टेबाजी दूसरे नंबर पर: ASCI

साल 2023-24 में भ्रामक और नियमों की अवहेलना करने वाले विज्ञापनों के संबंध में एएससीआई को मिली शिकायतों की संख्या एक साल पहले के मुकाबले 12.75 फीसदी बढ़ गई।

Last Updated- May 23, 2024 | 12:00 AM IST
Advertising parameters are most ignored in healthcare sector, illegal foreign betting is second: ASCI स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विज्ञापन पैमानों की सबसे ज्यादा अनदेखी, अवैध विदेशी सट्टेबाजी दूसरे नंबर पर: ASCI

Advertising violations in India: एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) की बुधवार को जारी सालाना शिकायत रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023-24 में भारत में विज्ञापन नियमों का उल्लंघन करने में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र रहा है।

साल के दौरान ASCI द्वारा जांच किए गए कुल 8,229 विज्ञापनों में से सर्वाधिक 19 फीसदी यानी 1,569 विज्ञापन इसी क्षेत्र से जुड़े थे। उसके बाद अवैध विदेशी सट्टेबाजी और व्यक्तिगत देखभाल श्रेणियों के विज्ञापनों की हिस्सेदारी थी। दोनों श्रेणियों के विज्ञापनों की हिस्सेदारी क्रमशः 17 फीसदी और 13 फीसदी थी।

रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि साल 2023-24 में भ्रामक और नियमों की अवहेलना करने वाले विज्ञापनों के संबंध में एएससीआई को मिली शिकायतों की संख्या एक साल पहले के मुकाबले 12.75 फीसदी बढ़कर 10,093 हो गई, जो साल 2022-23 में 8,951 थी।

एएससीआई की मुख्य कार्य अधिकारी और महासचिव मनीषा कपूर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल स्वास्थ्य सेवा के शीर्ष पर रहने का कारण वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद फोकस में वृद्धि और इस क्षेत्र में संबंधित विज्ञापनों की संख्या भी बढ़ी है। इस कारण अवहेलना के मामले भी बढ़े हैं।

उन्होंने कहा कि इन विज्ञापनों का प्राथमिक जरिया भी बदल गया है इसलिए वे अब ज्यादा दिखने लगे हैं।

कपूर ने कहा, ‘इनमें से बहुत सारे विज्ञापन छोटे इलाकों वाले अखबारों में आते हैं। मधुमेह, कैंसर अथवा यौन समस्याओं जैसी बीमारियों के इलाज के कई सारे विज्ञापन कस्बाई इलाकों के अखबारों में देखने को मिलेंगे। लेकिन अब उनमें से बहुत सारे डिजिटल माध्यम पर आ गए हैं। ऐसे विज्ञापन अब बहुत ज्यादा दिखते हैं।’

रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र के 86 फीसदी अवहेलना करने वाले विज्ञापन डिजिटल मीडिया पर दिखाए गए हैं। कपूर कहती हैं कि इस रुझान पर चिंता करने की जरूरत है क्यों कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र अत्यधिक असुरक्षित है।

इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के 1,249 विज्ञापनों पर औषधि और चमत्कारिक उपचार (डीएमआर) अधिनियम , 1954 का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की गई उनमें से 91 फीसदी विज्ञापनों में यौन शक्ति बढ़ाने के खंड 3 (बी) का उल्लंघन किया गया था।

उल्लेखनीय है डीएमआर अधिनियम कुछ बीमारियों और विकारों के इलाज के लिए जादुई उपचार के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करता है। इनमें वैसे विज्ञापन शामिल हैं जो किसी की यौन शक्ति बढ़ाने, कैंसर, अंधापन, बहरापन और मधुमेह सहित 56 प्रकार की बीमारियों के इलाज के दवाओं का उपयोग बढ़ाना चाहते हैं।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के शेष विज्ञापनों में 190 विज्ञापन क्लीनिकों, अस्पतालों और कल्याण केंद्रों से जुड़े थे, जो उनकी सेवा, देखभाल के बारे में बड़े-बड़े और भ्रामक दावे कर रहे थे। रोकथाम और इलाज, बेहतर गुणवत्ता के दावों के साथ दवाओं और औषधियों के लिए दवा कंपनियों से लगभग 129 शिकायतें आईं। शेष 7 विज्ञापनों में चिकित्सा आपूर्ति और हेल्थ ऐप से जुड़ी शिकायतें शामिल थीं।

First Published - May 22, 2024 | 10:50 PM IST

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