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Adani Vs Hindenburg : SC ने केंद्र और सेबी से अपना पक्ष रखने को कहा, 13 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

पीठ ने ‘निवेशकों की सुरक्षा के लिए मजबूत नियामक तंत्र’ को लागू करने के अलावा, क्षेत्र के विशेषज्ञों और अन्य लोगों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया।'

Last Updated- February 10, 2023 | 5:56 PM IST
Adani Ports Q3 Results
Shutterstock

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र होना चाहिए कि शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा हो। इसके साथ ही न्यायालय ने अदाणी समूह के शेयर मूल्य के ‘कृत्रिम तौर पर गिरने’ और निर्दोष निवेशकों के शोषण का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर केंद्र और बाजार नियामक सेबी से अपना पक्ष रखने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आधुनिक समय में निर्बाध पूंजी प्रवाह वाले बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक तंत्र को मजबूत बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर वित्त मंत्रालय और अन्य से जानकारी मांगी। पीठ में न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला भी शामिल हैं।

पीठ ने ‘निवेशकों की सुरक्षा के लिए मजबूत नियामक तंत्र’ को लागू करने के अलावा, क्षेत्र के विशेषज्ञों और अन्य लोगों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक निकाय आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।

अदालत ने कहा कि वह ‘सिर्फ विचार कर रही है’ और मामले के गुणदोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है, क्योंकि ‘शेयर बाजार आमतौर पर भावनाओं पर चलते हैं’। न्यायालय ने उन दो जनहित याचिकाओं को 13 फरवरी को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया, जिनमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जांच समेत कई राहत की मांग की गई है।

वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने का केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है।

रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह की कंपनियों के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं। वकील एम. एल. शर्मा ने एक अन्य याचिका दायर की थी, जिसमें अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के नाथन एंडरसन और भारत तथा अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अदाणी समूह के शेयर के मूल्य को ‘कृत्रिम तरीके’ से गिराने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।

शर्मा ने ‘शॉर्ट सेलिंग’ को निवेशकों के खिलाफ अपराध घोषित करने का निर्देश देने की मांग की, जिसे सेबी अधिनियम के प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध घोषित किया जाए। ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अदाणी समूह पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।

First Published - February 10, 2023 | 5:56 PM IST

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