facebookmetapixel
प्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देशपराली जलाने पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट: पंजाब-हरियाणा से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, बढ़ते प्रदूषण पर जताई चिंतासुगम आवाजाही का वादा सिर्फ कागजों में, ट्रैफिक और धुंध में फंसी दिल्ली की जनताGroww की धमाकेदार लिस्टिंग, पहले दिन 30 फीसदी चढ़ा शेयरअमेरिका-भारत ट्रेड डील की उम्मीद और फेड रेट कट संकेतों से बाजार में उछाल; सेंसेक्स 585 अंक चढ़ाशेयर बाजार में तीसरे दिन तेजी; सेंसेक्स 595 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,850 अंक के पारGroww IPO की धमाकेदार लिस्टिंग! अब करें Profit Booking या Hold?Gold में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! जानिए ब्रोकरेज ने क्यों कहा?सेबी चीफ और टॉप अफसरों को अपनी संपत्ति और कर्ज का सार्वजनिक खुलासा करना चाहिए, समिति ने दिया सुझावKotak Neo का बड़ा धमाका! सभी डिजिटल प्लान पर ₹0 ब्रोकरेज, रिटेल ट्रेडर्स की बल्ले-बल्ले

Adani Row: एसकेएम ने जेपीसी जांच की विपक्ष की मांग के समर्थन में प्रदर्शन करने की धमकी दी

एसकेएम ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर उद्योगपति गौतम अदाणी को बचाने का आरोप लगाया।

Last Updated- December 03, 2024 | 6:49 AM IST
Adani Group
Representative Image

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अदाणी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर सोमवार को निशाना साधा और व्यापारिक समूह पर लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की विपक्ष की मांग के समर्थन में प्रदर्शन करने की धमकी दी।

किसानों के कई संगठनों के संयुक्त संगठन एसकेएम ने एक बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र का निजीकरण करने के प्रस्ताव के खिलाफ चार दिसंबर को प्रदर्शन किया जाएगा। एसकेएम ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर उद्योगपति गौतम अदाणी को बचाने का आरोप लगाया। अमेरिका की एक अदालत में अदाणी और उनके समूह पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।

एसकेएम ने कहा, ‘‘अमेरिका में अदाणी समूह के खिलाफ दर्ज किया गया मामला एसकेएम की इस मांग का पूरी तरह समर्थन करता है कि बिजली क्षेत्र का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए और प्रीपेड स्मार्ट मीटर लागू करने से लोगों का भारी शोषण होगा।’’

बयान में कहा गया, ‘‘राजग सरकार ने 9 दिसंबर, 2021 को एसकेएम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और एसकेएम से परामर्श किए बिना बिजली संशोधन विधेयक 2020 पर कोई भी फैसला न लिए जाने का आश्वासन दिया था। प्रधानमंत्री ने इसका उल्लंघन किया और बिजली क्षेत्र का व्यावसायीकरण करने के लिए अपने कॉरपोरेट मित्रों के साथ सहमति जताई, जिससे उत्पादन और सेवा दोनों क्षेत्रों का विकास प्रभावित हुआ।’’

इसमें कहा गया, ‘‘यदि संसद में अदाणी मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई और व्यापारिक समूह पर लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की विपक्ष की मांग नहीं मानी गई तो एसकेएम इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेगा।’’

First Published - December 3, 2024 | 6:49 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट