अदाणी समूह अपने हवाई अड्डा कारोबार के विस्तार और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए 2.6 अरब डॉलर जुटाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए समूह पश्चिम एशियाई देशों के शीर्ष सॉवरिन फंडों के साथ बात कर रहा है।
समूह मार्च में खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष में 80,000 करोड़ रुपये एबिटा की उम्मीद कर रहा है। समूह अपनी भावी विस्तार योजनाओं के बारे में संभावित निवेशकों को जानकारी देने के लिए लंदन, दुबई और सिंगापुर में कई रोड शो भी कर चुका है।
एक सूत्र ने कहा कि समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज एयरपोर्ट होल्डिंग फर्म और/या ग्रीन हाइड्रोजन कारोबार में अपनी कुछ हिस्सेदारी भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए इच्छुक सॉवरिन फंडों को बेच सकती है।
सूत्रों ने कहा कि पूंजी जुटाने की समयसीमा अभी तय नहीं की गई है मगर 2024 के मध्य में कंपनी बाजार से पैसे जुटा सकती है।
अदाणी समूह के प्रवक्ता से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।
संभावित निवेशकों को दिए गए प्रस्तुतीकरण के दौरान समूह ने मूडीज और एसऐंडपी जैसी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा हाल में समूह की रेटिंग बढ़ाए जाने का भी उल्लेख किया है।
मूडीज और एसऐंडपी ने अदाणी समूह की पांच कंपनियों को स्थिर परिदृश्य (stable outlook) की रेटिंग दी है। फिच (Fitch) ने भी अदाणी समूह के सभी निर्गमों को स्थिर परिदृश्य की रेटिंग दी है।
घटनाक्रम के जानकार एक बैंकर ने कहा, ‘लंबे समय के लिए निवेश की संभावना देख रहे बुनियादी ढांचा फंड भारत में निवेश के लिए इच्छुक हैं और अदाणी समूह की कंपनियां उन्हें इक्विटी में निवेश का अवसर दे रही हैं।’
एक सूत्र ने कहा, ‘समूह में न्यूयॉर्क के जीक्यूजी द्वारा निवेश ने वैश्विक निवेशकों के बीच अदाणी समूह की कंपनियों को लेकर भरोसा बहाल करने में मदद की है।’
वर्ष 2023 में अदाणी समूह की कंपनियों ने विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय चैनलों के माध्यम से पूंजी जुटाई थी। इसमें 84,000 करोड़ रुपये का कर्ज और जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा 35,000 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है।
कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटीज ने 4,000 करोड़ रुपये और टोटाल एनर्जी ने करीब 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो समूह को लेकर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
यूएस इंटरनैशनल डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्पोरेशन से श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल परियोजना को 55.3 करोड़ डॉलर का कर्ज मिलने से भी समूह के निवेशकों का हौसला बढ़ा है।
समूह अगले महीने मुंद्रा में तांबा प्लांट को चालू करने की तैयारी कर चुका है और एल्युमीनियम कारोबार में भी उसके उतरने की योजना है क्योंकि इन दोनों धातुओं की देश में काफी मांग है।