करण अदाणी
अदाणी ग्रुप ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले 10 सालों में आंध्र प्रदेश में ₹1 लाख करोड़ (₹1 ट्रिलियन) का निवेश करेगा। यह निवेश पोर्ट्स, सीमेंट, डेटा सेंटर और ऊर्जा कारोबार समेत कई क्षेत्रों में किया जाएगा।
अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (APSEZ) के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदाणी ने यह जानकारी 30वें सीआईआई पार्टनरशिप समिट में दी, जिसे आंध्र प्रदेश सरकार और कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने संयुक्त रूप से विशाखापत्तनम में आयोजित किया।
करण अदाणी ने बताया, “हम पहले ही लगभग ₹40,000 करोड़ का निवेश पोर्ट्स, लॉजिस्टिक्स, सीमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) में कर चुके हैं। आने वाले 10 सालों में हम ₹1 ट्रिलियन का निवेश करने जा रहे हैं।”
अदाणी ग्रुप ने हाल ही में गूगल के साथ साझेदारी कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब स्थापित करने की योजना बनाई है। गूगल अगले पांच साल में $15 अरब (₹1.25 लाख करोड़) का निवेश करेगा, जिसमें भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर शामिल होगा। यह AI हब अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे बड़ा केंद्र होगा और इसमें 1 गीगावॉट क्षमता वाला डेटा सेंटर कैंपस बनाया जाएगा।
करण अदाणी ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एक ‘विजनरी लीडर’ हैं, जिन्होंने भारत के आधुनिक औद्योगिक विकास की नई परिभाषा लिखी। उन्होंने मंत्री नारा लोकेश की भी सराहना की और उन्हें एक नए जमाने का नेता बताते हुए कहा कि वे फुर्तीले, डेटा-ड्रिवन और मानवीय सोच रखने वाले हैं। उनका ध्यान स्किलिंग, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नई इंडस्ट्रीज पर है, जिससे आंध्र प्रदेश ‘भारत का सबसे तेज़ी से बढ़ता स्टार्टअप राज्य’ बन गया है।
करण अदाणी ने बताया कि हमारा प्रमुख प्रोजेक्ट विशाखापत्तनम टेक पार्क है। इसे हम गूगल के साथ मिलकर बना रहे हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े हाई-टेक और सस्टेनेबल सेंटरों में से एक होगा। यह कुल $15 अरब डॉलर का संयुक्त विजन है, जो हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देगा।
उन्होंने आगे कहा, “हम आंध्र प्रदेश के विकास में सबसे बड़े निवेशक बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केवल नीति इतिहास नहीं बनाती- विजन बनाता है।”
करण अदाणी ने कहा कि नायडू ने हैदराबाद को ग्लोबल टेक हब बनाया था, और अब वे “स्वर्ण आंध्र 2047” के विजन के साथ राज्य को फिर नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
CII पार्टनरशिप समिट 2025 का थीम “Partners in Progress: India’s Roadmap to Viksit Bharat 2047” है। इस समिट में 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए हैं और कई बड़े निवेश समझौते (MoUs) साइन हुए हैं।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस समिट के जरिए करीब ₹10 लाख करोड़ (₹10 ट्रिलियन) का निवेश आकर्षित किया जाए। जिन सेक्टर पर फोकस होगा उनमें ग्रीन एनर्जी, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्पेस, डिफेंस और टूरिज्म हैं। सम्मेलन में ग्रीन एनर्जी, सस्टेनेबल इनोवेशन और यूरोपीय निवेश सहयोग (European Investment Partnership) पर भी चर्चा की जा रही है।